Tuesday, November 26, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeउत्तर प्रदेशमथुरा में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर बनाने का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने...

मथुरा में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर बनाने का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने दी मंजूरी

banke-bihari-mandir-corridor

Banke Bihari Mandir Corridor, प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के चारों तरफ कॉरिडोर बनाए जाने को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही कुंज गलियों से अतिक्रमण हटाने के भी आदेश दिए गए हैं। हालांकि, कोर्ट ने योगी सरकार को मंदिर के बैंक खाते में जमा 262.50 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कॉरिडोर बनाने के लिए करने की इजाजत नहीं दी है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अनंत कुमार शर्मा व अन्य की जनहित याचिका पर दिया है।

कोर्ट ने कहा सरकार अपने पैसे से कराए निर्माण

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार को कानूनी प्रक्रिया के तहत दर्शन को प्रभावित किए बिना अपने पैसे से सार्वजनिक व्यवस्था, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और सार्वजनिक सुविधा प्रदान करने की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। वकील ने बताया कि कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन से यह भी कहा है कि किसी भी श्रद्धालु को दर्शन करने से रोका न जाए। जिला प्रशासन आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करे और सुनवाई की अगली तारीख 31 जनवरी 2024 को अपनी रिपोर्ट पेश करे। कोर्ट ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 में मिले धार्मिक अधिकार पूर्ण नहीं हैं।

यह मौलिक अधिकार कुछ हद तक सार्वजनिक व्यवस्था के अधीन है। उचित बाधाएं लगाई जा सकती हैं। कोर्ट ने कहा कि जनहित में काम करना धर्मनिरपेक्षता की गतिविधि है। कोर्ट ने सरकार को तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से सड़कों से अतिक्रमण हटाकर कॉरिडोर योजना लागू करने को कहा। दोबारा अतिक्रमण न हो, यदि अतिक्रमण होता है तो तत्काल कार्रवाई की जाए। वकील ने कहा कि एक बार अतिक्रमण हटने के बाद सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन सड़कों पर दोबारा अतिक्रमण न हो और मंदिर के पहुंच मार्गों पर कोई रुकावट न हो। इस मामले में अगली सुनवाई 31 जनवरी 2024 को होगी।

ये भी पढ़ें..Anandiben Patel Birthday: 82 साल की हुई राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, एक दुर्घटना के बाद ऐसे हुई राजनीति में एंट्री

प्रतिदिन 40 से 50 हजार श्रद्धालु करते है दर्शन

गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने 8 नवंबर को इस मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार अपनी प्रस्तावित योजना पर आगे बढ़ सकती है, लेकिन उसे यह भी तय करना चाहिए कि आगंतुकों को परेशानी न हो। उनके दर्शन में कोई बाधा आती है। अनंत शर्मा, मधुमंगल दास और अन्य की ओर से 2022 में जनहित याचिका दायर की गई थी।

बताया गया कि आम दिनों में मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 40 से 50 हजार होती है। लेकिन, शनिवार-रविवार और छुट्टियों के दिन यह संख्या डेढ़ से ढाई लाख तक पहुंच जाती है। त्योहारों और शुभ दिनों में मंदिर में ठाकुर जी के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की संख्या लगभग 5 लाख तक पहुँच जाती है। मंदिर तक जाने वाली सड़कें बहुत संकरी और भीड़भाड़ वाली हैं। इसलिए भारी भीड़ के कारण परिवहन में काफी दिक्कतें आती हैं।

योगी सरकार ने कोर्ट से की थी ये अपील

संकरी गलियों पर अतिक्रमण कर लिया गया है। इससे स्थिति और भी खराब हो गई है। सड़कें संकरी हो गई हैं। अक्सर भगदड़ जैसी स्थिति बन जाती है। हाल ही में दम घुटने से कुछ लोगों की मौत हो गई है। व्यस्त समय में प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह फेल हो जाती है। इसके बाद भी यूपी सरकार और जिला प्रशासन ने कोई उचित और ठोस कदम नहीं उठाया। रिट में हाई कोर्ट से अपील की गई थी कि वह राज्य सरकार को इस मामले में उचित कदम उठाने का निर्देश दे।

याचिका पर सेवायतों की ओर से अधिवक्ता श्रेया गुप्ता, संजय गोस्वामी, महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व मुख्य स्थायी अधिवक्ता कुणाल रवि आदि ने बहस की। गोस्वामियों की ओर से याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति जताई गई कि यह एक निजी मंदिर है। सरकार को इसके प्रबंधन में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें