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Lumpy Disease: केंद्रीय मंत्री ने राजस्थान के अधिकारियों से पूछा, लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए क्या कर रहे हैं?

जोधपुर : केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने राजस्थान में गोवंश में फैले खतरनाक संक्रामक रोग लंपी वायरस संक्रमण (lumpy disease) के संदर्भ में स्थानीय डीआरडीए हॉल में जोधपुर, पाली, जालौर, जैसलमेर बाड़मेर के विविध जिलों के सक्षम अधिकारियों से विस्तार से चर्चा कर जानकारी ली। लंपी स्कीन डिजीज (lumpy disease) की रोकथाम के लिए किए गए उपायों के बारे में फीडबैक लिया। गांव-गांव जाकर सर्वे करने के निर्देश दिए। त्वरित समाधान करने के लिए राजस्थान सरकार से भी आग्रह किया ताकि पशु पालकों को राहत दी जा सके। इस दौरान राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत मौजूद रहे। शेखावत ने मुख्यमंत्री से लंपी वायरस के कारण अपना पशुधन गंवाने वाले पशुपालकों और किसानों को मुआवजा देने का आग्रह किया।

केंद्रीय मंत्री शेखावत और केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने लंपी वायरस (lumpy disease) को लेकर पश्चिमी राज्य के पांच जिलों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक के बाद मीडिया के साथ अनौपचारिक बातचीत में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि गुजरात के रास्ते से आकर पिछले दो महीने में पश्चिमी राजस्थान के लगभग सभी जिलों में लंपी वायरस कहर बरपा है। हजारों गायों की मौत हो चुकी है। यदि पश्चिमी राजस्थान का आंकड़ा उठाकर देखें तो लगभग एक लाख से ज्यादा पशुधन इससे संक्रमित हुआ है। यह आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है।

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राज्य सरकार से मुआवजे की मांग -

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक गरीब आदमी की यदि एक गाय मरती है तो निश्चित रूप से उसके लिए बहुत संकट पैदा होता है। इसलिए ऐसे सारे मृतक पशुओं का मुआवजा राजस्थान सरकार को गरीब लोगों, पशुपालकों और किसानों को देना चाहिए। शेखावत ने कहा कि हम लगातार जिला प्रशासन और राज्य सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं। इस बीमारी की किस तरह से रोकथाम की जा सके, इस विषय में निर्देश दे रहे थे। आज भी वर्तमान स्थिति और हालात पर एक बार पूरे विस्तार से चर्चा कर अधिकारियों को निर्देश दिया है।

वाट्सएप ग्रुप बनाकर लें जानकारी -

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि लंपी वायरस महामारी से लडऩे के लिए हमको टेक्नोलॉजी का सहारा लेना होगा। एक-एक वॉट्सएप ग्रुप पांचों जिलों में बनाया जाए, जिस पर ग्रामवासी सीधा सूचित कर सकें। वीडियो कॉल के माध्यम से गांव के जनप्रतिनिधि संक्रमित पशु का एक बार डॉक्टर से निरीक्षण कराएं और तुरंत उपचार सुनिश्चित किया जाए।

केवल 20 प्रतिशत पशुधन का हुआ सर्वे -

मीडिया और सरकारी आंकड़ों में फर्क पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से फर्क है। सरकारी आंकड़ों की समीक्षा में यह विषय संज्ञान में आया है। अब तक केवल 20 फीसदी पशुधन का ही सर्वे हो पाया है। जोधपुर, बाड़मेर और जैसलमेर में ही लगभग 25-30 लाख के बीच गायों की जनसंख्या है, लेकिन अब तक चार लाख के आसपास का सर्वे हुआ है। सरकार का आंकड़ा चार लाख के अनुपात में है, बाकी आंकड़ा 6-7 गुना अधिक तक हो सकता है, जो मीडिया ने अपने स्तर से इकट्ठा किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हालात गंभीर और चिंताजनक हैं। जून में बीमारी शुरू हुई थी, तब से अब तक 20 फीसदी पशुओं का ही सर्वे हो पाया है। जैसलमेर जिले में 70 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। शेखावत ने निर्देश दिए कि जिला कलेक्टर अपने-अपने जिले में अधिकारियों को लगाकर हर गांव में कितना पशु संक्रमित हुआ है, कितनी गाय मरी हैं, उसका आंकड़ा और सूचना एकत्रित करें।

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