नई दिल्लीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने मंगलवार को संविधान को अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ पर देशवासियों से अपने आचरण में संवैधानिक आदर्शों को अपनाने और अपने मौलिक कर्तव्यों (Fundamental Duties) का पालन करते हुए 2047 तक विकसित भारत (Developed India) के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।
Constitution Day: दोनों सदनों को किया संबोधित
राष्ट्रपति मुर्मू ने मंगलवार को संविधान दिवस (Constitution Day) के अवसर पर संविधान भवन के सेंट्रल हॉल में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान एक जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है। आज हम सभी एक ऐतिहासिक घटना के भागीदार बने हैं। 75 साल पहले संविधान परिषद ने इसी संविधान परिषद के केंद्र में एक नव स्वतंत्र देश के लिए संविधान बनाने का बहुत बड़ा कार्य पूरा किया था। अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान निर्माताओं को याद किया।
Constitution Day: जारी किया स्मारक सिक्का और डाक टिकट
उन्होंने संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों और पदाधिकारियों के योगदान को भी याद किया। उन्होंने महिला आरक्षण संबंधी कानून को लोकतंत्र में महिला सशक्तीकरण के एक नए युग की शुरुआत बताया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उपसभापति हरिवंश, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मंच पर उपस्थित थे। केंद्रीय मंत्री, संसद सदस्य, दिल्ली में मिशनों के प्रमुख और अन्य गणमान्य व्यक्ति केंद्रीय कक्ष में उपस्थित थे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha speaker Om Birla) ने स्वागत भाषण दिया। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति ने दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित भी किया। इस अवसर पर भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट (Commemorative coin and postage stamp) जारी किया गया। इसके अलावा “भारतीय संविधान का निर्माण: एक झलक” और “भारतीय संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा” शीर्षक से दो पुस्तकों का विमोचन किया गया।
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भारतीय संविधान की कला को समर्पित एक पुस्तिका का विमोचन किया गया। इसके अलावा संस्कृत और मैथिली भाषा में लिखे गए भारतीय संविधान का विमोचन किया गया। कार्यक्रम के दौरान भारतीय संविधान की महिमा, इसके निर्माण और ऐतिहासिक यात्रा को दर्शाती एक लघु फिल्म दिखाई गई।
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