नई दिल्लीः टाटा समूह को साइरस मिस्त्री मामले में बड़ी जीत हासिल हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को टाटा समूह के सभी तर्को को स्वीकार करते हुए एनसीएलएटी के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल किया गया था। मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह कहते हुए मिस्त्री द्वारा दायर की गई अपील को खारिज कर दिया कि कानून से जुड़े सभी प्रश्न टाटा समूह के पक्ष में हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2016 को साइरस मिस्त्री को बर्खास्त करने के टाटा संस के फैसले को बरकरार रखा है।
शापूरजी पलोनजी समूह के वकील ने तर्क दिया था कि मिस्त्री को इसलिए हटा दिया गया था क्योंकि वह 24 अक्टूबर, 2016 को बोर्ड की बैठक में एक ड्राफ्ट गवर्नेस स्ट्रक्चर पेश करने जा रहे थे। इस पर कोर्ट ने कहा, “हमने पाया कि कानून के सभी प्रश्न अपीलकर्ताओं (टाटा समूह) के पक्ष में हैं और टाटा समूह द्वारा दायर की गईं अपील को अनुमति दी जा सकती है और शापूरजी पालोनजी समूह उन्हें खारिज कर सकता है।”
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बता दें कि दिसंबर 2019 में एनसीएलएटी ने फैसला दिया था कि साइरस मिस्त्री को चेयरपर्सन के पद से हटाने के लिए 24 अक्टूबर, 2016 को की गई बैठक अवैध थी।