चेन्नई : तमिलनाडु सरकार को अवैध रूप से पत्थरों को तोड़ने और खदानों में विस्फोट करने की कई शिकायतें मिली हैं। सरकार अब राज्य की पत्थर खदानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। राज्य के मुख्य सचिव से उपलब्ध जानकारी के अनुसार, सभी जिला कलेक्टरों को अपने-अपने जिलों में मौजूद पत्थर की खदानों की संख्या का उचित सर्वे करने और इस बात की उचित जांच करने का निर्देश दिया है कि क्या ये सभी खदानें निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार काम कर रही हैं।
तमिलनाडु सरकार के सूत्रों ने बताया कि पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से पानी के प्रदूषण समेत पर्यावरणीय खतरे पैदा करने वाली खदानों पर बड़ी संख्या में शिकायतें आ रही हैं। विल्लुपुरम के जिला कलेक्टर डी. मोहन ने जिले के सभी खदान मालिकों को प्रोटोकॉल और सरकारी नियमों का सख्ती से पालन करने और पुलिस कार्रवाई का सामना करने का निर्देश दिया।
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उन्होंने खदान मालिकों को खदानों के आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा के बारे में जागरूक होने और खदानों से पत्थर ले जाने वाले ट्रकों में अनुभवी ड्राइवरों को नियुक्त करने के लिए भी सूचित किया है। जिला कलेक्टर ने खदान मालिकों को इन खदानों में पत्थर तोड़ने से पहले स्थानीय लोगों को सूचित करने का भी निर्देश दिया है। जिला कलेक्टर ने खदान मालिकों को चेतावनी भी दी है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सरकार के अन्य विभागों द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाएगा और उन्हें सभी रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि कई पर्यावरणविदों ने तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में खदानों से होने वाले प्रदूषण की शिकायत की थी।
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