नई दिल्लीः भगवान श्रीकृष्ण के सभी रूपों को उनके भक्त अपने मन में बसाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण जगत के पालनहार भगवान श्रीविष्णु के आठवें अवतार हैं। इस अवतार में भगवान श्रीकृष्ण ने सृष्टि में प्रेम और सद्भाव का प्रचार-प्रसार किया। भगवान श्रीकृष्ण की हर लीलाएं भक्त के मन को मोह लेती हैं। भगवान के बाल स्वरूप को तो हर व्यक्ति अपने घर में बसाना चाहता है। यदि आप भी अपने घर में लड्डू गोपाल को लाना चाहते हैं तो उनकी सेवा अपने पुत्र की तरह करनी चाहिए। उनके सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक एक छोटे बालक की तरह ख्याल रखना चाहिए। घर में बाल गोपाल को रखने के नियम होते हैं। इसलिए इन नियमों का पालन कर ही बाल गोपाल को अपने घर में लायें और उनकी कृपा पात्र से अभिभूत हो जायें।
रोजाना प्रातःकाल कराएं स्नान
जिस तरह आप एक बच्चे को प्रातःकाल उठाकर उसे दुलारते हैं उसे स्नान कराते हैं। ठीक उसी प्रकार बाल गोपाल को प्रातःकाल के समय उठाकर स्नान कराना चाहिए। स्नान के लिए शंख का प्रयोग करें और स्नान कराने के बाद पानी को तुलसी के पौधे में डाल देना चाहिए।
स्वच्छ वस्त्र पहनायें
प्रातःकाल के समय बाल गोपाल को स्नान कराने के बाद रोजाना स्वच्छ वस्त्र धारण करायें। यह जरूरी नहीं है कि आप उन्हें रोजाना नये वस्त्र ही धारण करायें। आप उनके वस्त्र को रोजाना धोकर भी पहना सकते हैं।
स्नान के बाद अवश्य करें श्रृंगार
भगवान श्रीकृष्ण को श्रृंगार अतिप्रिय है। इसलिए स्नान और वस्त्र पहनाने के बाद भगवान का श्रृंगार जरूर करें। उन्हें मोर पंख लगा हुआ मुकुट पहनायें। उनकी बांसुरी को स्वच्छ कर उनके पास रखें। उनका चंदन से तिलक करें और फूलों से उनका श्रृंगार करें। श्रृंगार के बाद भगवान की नजर जरूर उतारें।
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भगवान के भोग का रखें विशेष ख्याल
बल गोपाल के भोग का विशेष ख्याल रखें। प्रातःकाल उन्हें दूध पिलायें। इसके बाद उन्हें भोग में माखन-मिश्री, खीर, दही, हलवा चढ़ायें।
घर में कभी भी अकेला न छोड़े
बाल गोपाल को घर पर कभी भी अकेला न छोड़े। जिस तरह अपने छोटे बालक को कहीं भी अकेला नहीं छोड़ते। ठीक उसी तरह से लड्डू गोपाल को भी घर में कभी भी अकेला न छोड़े। शुद्धता का पूरा ध्यान रखते हुए जहां भी जायें उन्हें अपने साथ ही लेकर जायें।
रात में जरूर सुलायें
रात में पूजा के बाद लड्डू गोपाल को दूध का भोग लगायें और इसके बाद थपकी देकर उन्हें सुलायें।
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