अब पैदावार का भी होगा रिकॉर्ड, मोदी सरकार ला रही ये योजना, कृषि मंत्री ने दी जानकारी

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बालाघाटः केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत सरकार जल्द ही एक डिजिटल कृषि योजना शुरू करने जा रही है, जिससे कृषि का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल हो जाएगा। सैटेलाइट के उपयोग से इस योजना के तहत खेती की पूरी जानकारी ऑनलाइन कर दी जाएगी। जिसमें खेतों की जियो टैगिंग की जाएगी। खेती को आधार कार्ड, बैंक और योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इस योजना में न केवल उपज का रिकॉर्ड होगा बल्कि राज्यवार उपज की जानकारी भी होगी।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को बालाघाट में पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह बात कही। इस दौरान आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे, आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन, भाजपा अध्यक्ष सत्यनारायण अग्रवाल, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रमेश भटेरे मौजूद रहे। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बालाघाट के वारासिवनी क्षेत्र के मुर्जहर स्थित राजाभोज कृषि महाविद्यालय में आयोजित विश्व मधुमक्खी दिवस कार्यक्रम में पहुंचे थे।

कार्यक्रम के पूर्व बालाघाट में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि डिजिटल कृषि योजना से किसानों को बैंक ऋण के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। आला और पाला प्रभावित किसानों के सेटेलाइट सर्वे से किसी भी किसान के साथ भेदभाव की स्थिति नहीं बनेगी।

उन्होंने कहा कि कृषि और किसान हमेशा मोदी जी की प्राथमिकता में रहे हैं। इसी वजह से पिछली कांग्रेस सरकार के कृषि बजट की तुलना में मोदी सरकार में कृषि बजट को एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। मध्य प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र में अच्छा काम कर रही है। राज्य की कृषि विकास दर लगातार 18 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार शहद उत्पादन बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रही है। भारत से शहद का निर्यात भी बढ़ा है। शहद उत्पादन अर्थव्यवस्था और रोजगार की दृष्टि से नया आयाम साबित हो रहा है। बालाघाट का वातावरण मधुमक्खी पालन के अनुकूल है और यहां भी किसान बेहतर काम कर सकते हैं।

पीएम सम्मान निधि के जरिए देश के 11.5 हजार करोड़ किसानों के खातों में सिंगल क्लिक से ढाई लाख करोड़ रुपये पहुंचाए गए हैं। जिससे किसानों को खेती के लिए साहूकारों से कर्ज लेने से मुक्ति मिली है। कृषि मंत्री ने कहा कि तत्कालीन वाजपेयी सरकार में किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड में सीमित मात्रा में कर्ज दिया जाता था, लेकिन मोदी सरकार ने इसे बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। प्राकृतिक प्रकोप के कारण किसानों की कृषि में हुए नुकसान की भरपाई प्रधानमंत्री फसल बीमा के माध्यम से की जा रही है।

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उन्होंने कहा कि जैविक और प्राकृतिक खेती से जहां किसानों को लागत कम आती है वहीं इससे प्राप्त उत्पाद का मूल्य भी अच्छा मिलता है। दूसरी ओर प्राकृतिक और जैविक खेती से भूमि की उर्वरता बनी रहती है और प्रदूषण से मुक्ति मिलती है। भारत ने जैविक और प्राकृतिक खेती से उत्पादित 4 लाख करोड़ की सामग्री का निर्यात किया है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार सबका भला करने की भावना से कार्य कर रही है। हाल ही में राज्य सरकार ने लाडली बहना योजना और मुख्यमंत्री ब्याज माफी योजना शुरू की है। जो किसानों को कर्ज के ब्याज से मुक्त करने के साथ ही महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाएगी। सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी योजना इसलिए लागू की थी ताकि गर्भ में बेटी की मौत न हो। जिससे बालिका के प्रति सोच बदली है।

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