लखनऊः अजीत सिंह हत्याकांड के आरोपित शूटर गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर के मुठभेड़ मामले में शनिवार को पुलिस ने फॉरेंसिक टीम के साथ घटना का नाट्य रूपांतरण किया। परिजनों ने गिरधारी की हत्या का आरोप पुलिस पर लगाया था। पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या का आरोपित शूटर गिरधारी की 15 फरवरी को पुलिस से मुठभेड़ हो गई थी। पुलिस की गोली लगने से उसकी मौत हो गई थीं।
परिजनों ने पुलिस पर बेटे की हत्या का आरोप लगाते हुए न्यायालय में अर्जी देकर मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। न्यायालय ने हजरतगंज कोतवाली पुलिस को इंस्पेक्टर विभूतिखंड और डीसीपी पूर्वी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। हालांकि पुलिस ने इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अर्जी दी थी। जिस पर कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश पर रोक लगा दी थी। लेकिन मामले पर कोर्ट के सख्त रूख को देखते हुए पुलिस कार्रवाई कर रही है। शनिवार को पुलिस ने फॉरेंसिक टीम के साथ एनकाउंटर का नाट्य रुपांतरण किया।
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नाट्य रुपांतरण में दिखाया गया कि विभूतिखंड पुलिस गिरधारी को लेकर असलहा बरामदगी के लिए जा रही थी। इसी दौरान उसने पास में बैठे दारोगा की सर्विस पिस्टल छीन ली थी और उन्हें धक्का देकर गाड़ी से नीचे गिरा दिया था। जब पुलिस ने उसे रुकने को कहा तो उसने फायरिंग शुरू कर दी थी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से शूटर घायल हो गया था। इलाज के लिए उसे लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां देखते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। डॉक्टर के नाम से चर्चित गिरधारी के खिलाफ तकरीबन 23 अपराधिक मुकदमे दर्ज थे। यह मुकदमे लखनऊ, बनारस, आजमगढ़ जौनपुर और मुम्बई के थानों में दर्ज थे।