नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Jaishankar ) ने अपने म्यांमार समकक्ष यू. थान स्वे के साथ ड्रग्स और मानव तस्करी का मुद्दा उठाया। उन्होंने पड़ोसी देश में मौजूदा मानवीय स्थिति पर नई दिल्ली की चिंता से भी अवगत कराया। जयशंकर ने दोनों देशों के सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के महत्व को भी रेखांकित किया। बैठक के बाद उन्होंने ट्वीट किया, “ये हाल ही में बहुत अशांत क्षेत्र रहे हैं। स्थिति को बिगाड़ने वाली किसी भी कार्रवाई से बचना चाहिए।”
जयशंकर ने बैंकॉक में मेकांग गंगा सहयोग (एमजीसी) बैठक के इतर स्वे से मुलाकात की। वह शनिवार को जकार्ता से बैंकॉक पहुंचे, जहां उन्होंने आसियान विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। जयशंकर ने स्वे के साथ बैठक के बाद ट्वीट किया, “आज बैंकॉक में मेकांग गंगा सहयोग (एमजीसी) बैठक के मौके पर महामहिम यू थान स्वे से मुलाकात की। मानव और मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में चिंताओं पर प्रकाश डाला। पीड़ितों की शीघ्र वापसी के लिए संबंधित पक्षों के बीच मजबूत सहयोग का आग्रह किया।” उन्होंने कहा एक करीबी पड़ोसी होने के नाते भारत ‘म्यांमार की मानवीय स्थिति को लेकर चिंतित है।’
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बैठक के दौरान विदेश मंत्री ने म्यांमार में गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए एक जन-केंद्रित पहल का भी स्वे को प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा, “हमारी चर्चा कनेक्टिविटी पहल पर केंद्रित थी जिसका क्षेत्रीय महत्व बहुत बड़ा है। आज दोपहर एमजीसी की बैठक में इन पर भी चर्चा होगी। हाल के दिनों में चुनौतियों का सामना करने वाली परियोजनाओं में तेजी लाने के महत्व पर जोर दिया गया, खासकर भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग में।
जयशंकर (Jaishankar ) ने म्यांमार के विदेश मंत्री के साथ बैठक में कहा कि भारत म्यांमार में लोकतांत्रिक परिवर्तन प्रक्रिया का समर्थन करता है। उन्होंने इस पर प्रकाश डाला। शांति और स्थिरता की वापसी की जरूरत है। उन्होंने ट्वीट किया, ”हम इस संबंध में आसियान के साथ अपनी नीति का बारीकी से समन्वय करेंगे।”
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