जगदलपुर (CG): पूर्व बस्तर विकास प्राधिकरण और बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल के बंगले को खाली करने के लिए प्रशासन द्वारा जारी किए गए नोटिस पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है।
नजूल तहसीलदार ने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के आदेश का हवाला देते हुए शनिवार तक बंगला खाली करने का नोटिस दिया था। लेकिन, शनिवार को कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। जगदलपुर तहसीलदार मानकर ने बताया कि बंगले में बेदखली की कार्रवाई के लिए कर्मचारी गए थे। लेकिन विधायक लखेश्वर बघेल वहां उपलब्ध नहीं थे, जिसके चलते वहां मौजूद कर्मचारियों को 24 घंटे का समय दिया गया और रविवार तक बंगला खाली करने को कहा गया।
कैबिनेट मंत्री को आवंटित हुआ बंगला
गौरतलब है कि बस्तर विधानसभा से तीसरी बार चुनाव जीतकर विधायक बने कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल को प्रशासन ने जगदलपुर स्थित सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस दिया है। उनसे जल्द बंगला खाली करने को कहा गया है। ऐसे में बंगला खाली करने को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। नई सरकार के गठन के बाद यह बंगला कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप को आवंटित कर दिया गया है।
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विधानसभा में उठाएंगे मामला
कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने बताया कि उन्हें यह बंगला 5 साल पहले आवंटित किया गया था, वे कैबिनेट मंत्री दर्जे के साथ बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और वर्तमान में विधायक भी हैं। उन्हें जानकारी मिली है कि यह बंगला वन मंत्री केदार कश्यप को आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा सरकार की दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई मानी जा सकती है। बघेल ने कहा कि वह इस मामले को विधानसभा में उठाएंगे और जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भरत कौशिक ने बताया कि यह बंगला कमिश्नर कार्यालय से मंत्री केदार कश्यप को आवंटित किया गया है। इस आदेश के तहत विधायक बघेल को बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया है।
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