आईपीके, लखनऊः राजधानी में हर घर नल योजना बेमानी साबित हो रही है। शहर के तमाम इलाकों के लोग पेयजल व्यवस्था दुरूस्त न होने की वजह से दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। नागरिकों द्वारा इसको लेकर आवाज तो उठाई जा रही है, लेकिन इस समस्या के प्रति जिम्मेदार गंभीर नजर नही आ रहे हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत ‘हर घर नल’ योजना वर्ष 2022 तक चार चरणों के तहत पूरी की जाएगी। साफ है कि उत्तर प्रदेश में 2022 तक हर घर तक नल से पानी पहुंच जाएगा, लेकिन राजधानी में पानी सप्लाई के हालात को देखते हुए कहा जाएगा कि यह मिशन पूरा कर पाना टेढी खीर है। अगर राजधानी लखनऊ में ही हर घर पानी सरकार देने में नाकाम है तो यूपी के हर घर नल योजना की बात करना ही बेमानी होगी। राजधानी के कई इलाकों में गंदे और बदबूदार पानी की सप्लाई से लोगों में काफी आक्रोश है।
शहर की बड़ी आबादी दूषित पानी पीने को मजबूर है। पानी में मानक के अनुरूप क्लोरीन की मात्रा होनी चाहिए, लेकिन राजधानी में समर्सिबल पम्प व टंकी से ही मोहल्ले भर के लोग पानी पीते हैं। नगर निगम ने पानी की आपूर्ति के लिए जगह-जगह पानी की टंकियां स्थापित की हैं, लेकिन यह राम भरोसे ही हैं। एक ही प्लास्टिक की टंकी से कहीं-कहीं पूरा मोहल्ला ही पानी भर रहा है, जिससे वहां के लोगों को समुचित पानी भी नही मिल पाता है।
वजीरगंज वार्ड को देखें तो यहां गंदे नाले के ठीक बगल में लगी पानी की टंकी करीब 100 से ज्यादा लोगों को पानी की सप्लाई का माध्यम बनी हुई है। यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि पीने का पानी भरने वाले स्थान के पास गंदे नाले के बहने से बीमारी का खतरा बना रहता है, लेकिन मजबूरी में पानी पीना पड़ता है। कपडे़ प्रेस कर जीवन-यापन करने वाले यहां के स्थानीय निवासी मुन्ना ने बताया कि टंकी की सफाई के लिए कोई नहीं आता है। जब तब मोहल्ले वाले ही 10-20 रूपये चंदा जमाकर खुद ही टंकी साफ करवा लेते हैं।
कुछ इसी तरह का हाल महात्मा गांधी वार्ड में भी देखने को मिला। इस वार्ड में कई जगह पानी की टंकी लगाकर लोगों को पानी की आपूर्ति की जा रही है। यहां पर सप्लाई वाले पानी की आपूर्ति भी हो रही है, लेकिन सप्लाई वाले पानी की क्वाॅलिटी खराब होने से लोग टंकी वाले पानी का ही इस्तेमाल करते हैं। यहां के स्थानीय निवासियों का कहना है कि एक तो सप्लाई वाले पानी का समय तय है कि सुबह-शाम ही पानी आएगा और उस पर पानी भी कभी पीला तो कभी मटमैला आता है। इसीलिए लोग पानी के लिए टंकी के सहारे ही रहते हैं। यहां रहने वाले अनवर ने बताया कि मैं भी टंकी का पानी ही इस्तेमाल में लाता हूं, लेकिन टंकी की साफ सफाई के लिए नगर निगम का कोई कर्मचारी नहीं आता। यहां मोहल्ले वाले खुद ही टंकी की सफाई अपने हाथों से कर लिया करते है। यहां के पार्षद अमित कुमार चैधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जल्द ही मैं नगर निगम में प्रस्ताव रखूंगा कि टंकियों की साफ-सफाई के लिए सफाईकर्मी रखे जाए।
सआदतगंज वार्ड में भी पानी की टंकी का हाल भी बेहाल है। एक ही टंकी से पूरा का पूरा मोहल्ला पानी भर रहा है। लोगों ने अपने-अपने घरों में भी जलापूर्ति के लिए समर्सिबल लगवा लिए हैं फिर भी यह टंकियां मोहल्ले के सैकड़ों घरों के पानी की जरूरत को पूरा कर रही हैं। यहां भी लोग खुद ही टंकियों की सफाई करवा रहे हैं। यहां के स्थानीय नागरिकों का कहना है कि टंकी की सफाई की शिकायत सभासद से करने और सफाई होने में जितने दिन लगेंगे, उतने दिन हमें गंदा पानी पीना पडे़गा, इसीलिए हम लोग खुद इसकी सफाई करा लेते हैं।
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यहां दूषित जल की सबसे अधिक शिकायतें
रेजीडेंसी के पास स्टैंड पोस्ट, सूरजकुंड के सामने स्टैंड पोस्ट, नटराज होटल के के सामने स्टेंड पोस्ट, निवाजगंज कैंप कार्यालय, बाबा फतेहगंज मंदिर मशालची टोला रायपुर खदरा, खदरा पानी की टंकी के पास, अहिबरनपुर सीतापुर रोड, केंद्रीय विद्यालय के पीछे अलीगंज, पुरनिया चैराहा, प्रतापबाग अलीगंज, लवकुश नगर मलीन बस्ती परिवर्तन चैक के पास।