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सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित, जानें क्या थीं दोनों पक्षों की दलीलें

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Kejriwal Bail Petition: दिल्ली एक्साइज घोटाला मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हिरासत और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा की बेंच ने आज शाम 4 बजे फैसला अपलोड करने का आदेश दिया।

गिरफ्तारी लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे पर हमला

आज सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का कारण राजनीतिक है। उन्हें और उनकी पार्टी को लोकसभा चुनाव में बेअसर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा कि यह गिरफ्तारी लोकतंत्र और संविधान के बुनियादी ढांचे पर हमला है। सिंघवी ने कहा कि जांच 2022 में शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को अक्टूबर, 2023 में समन भेजा गया था। उन्हें पिछले हफ्ते बिना बयान दर्ज किए गिरफ्तार कर लिया गया था। अब ऐसी गिरफ़्तारी की क्या ज़रूरत थी? ऐसा क्या है जो ईडी उन्हें गिरफ्तार किए बिना नहीं कर पा रही थी? सिंघवी ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूछताछ की जा सकती है लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब गिरफ्तारी के बाद कहा जा रहा है कि सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है जबकि इस मामले में गिरफ्तारी की जरूरत ही नहीं थी। यह भी पढ़ें-Lok Sabha Election: शिवसेना (UBT) ने जारी की 17 उम्मीदवारों की लिस्ट, यहां देखें किसे कहां से मिला टिकट?

कोर्ट में क्या बोले एसवी राजू

सिंघवी की दलीलें खत्म होने के बाद वरिष्ठ वकील अमित देसाई ने केजरीवाल की ओर से दलीलें पेश करने की कोशिश की। ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने इसका विरोध किया। राजू ने कहा कि अगर ईडी कह दे कि उसकी ओर से पांच वकील दलीलें पेश करेंगे तो क्या होगा। कोर्ट ने भी इस पर सहमति जताई। राजू ने कहा कि हम इस याचिका का जवाब देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पक्षों को सुनना होगा। तब कोर्ट ने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि हम मुख्य मामले में नोटिस जारी करेंगे। तब राजू ने कहा कि हमें अंतरिम राहत के मामले पर जवाब दाखिल करने का अधिकार है। जब हमें जवाब दाखिल करने का अधिकार ही नहीं दिया जाएगा तो दलीलें पेश करने का क्या मतलब। हमें हमारे अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने राजू से पूछा कि आपको याचिका की कॉपी कब मिली। तब राजू ने कहा कि 26 मार्च को दोपहर में। तब कोर्ट ने कहा कि अगर उन्हें 26 मार्च की दोपहर में कॉपी मिल जाएगी तो हमें नोटिस जारी करना होगा। इस पर केजरीवाल की ओर से पेश वकील शादान फरासत ने कहा कि हमने 24 मार्च को ही याचिका दायर कर दी थी। हमने एप्लीकेशन की कमियों को दूर कर लिया था। हमने ईडी को पर्याप्त समय दिया है। इसमें देरी करने के लिए ही जवाब दाखिल करने का समय मांगा जा रहा है।

27 मार्च को कोर्ट ने दिया था सुनवाई का आदेश

दरअसल, केजरीवाल ने 23 मार्च को हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 24 मार्च को सुनवाई की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने 27 मार्च को सुनवाई का आदेश दिया था। याचिका में राउज एवेन्यू कोर्ट के 22 मार्च के उन्हें भेजने के आदेश का हवाला दिया गया है। 28 मार्च तक की ईडी हिरासत को चुनौती दी गई है। केजरीवाल ने कहा है कि वह मौजूदा सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले 21 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट से गिरफ्तारी से राहत नहीं मिलने पर ईडी ने उसी दिन देर शाम पूछताछ के बाद अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था। ईडी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं। ईडी के मुताबिक केजरीवाल के घर पर छापेमारी में उसे कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इनसे पता चला कि केजरीवाल ईडी अधिकारियों की जासूसी करा रहे थे। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)