जबलपुरः भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन सैन्य संस्थानों के निर्माण कार्यों में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में जबलपुर सीबीआई (CBI) ने मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमईएस) पर शिकंजा कस दिया है। कागज पर निर्माण कार्य दिखाकर 16 करोड़ 24 लाख रुपए के भुगतान के मामले में जबलपुर सीबीआई और एसीबी ने शुक्रवार को जबलपुर समेत देशभर में 12 जगहों पर छापेमारी की।
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सीबीआई और एसीबी की टीमों ने जबलपुर, जोधपुर, प्रयागराज (इलाहाबाद) और शिलांग में मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज के अधिकारियों और ठेकेदारों के ठिकानों पर छापेमारी की है। सीबीआई ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि इस छापेमारी में उसे घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। सीबीआई के मुताबिक कागजों में फर्जी रेनोवेशन और निर्माण कार्य दिखाकर यह घोटाला साल 2020-21, साल 2021-22 और साल 2022-23 यानी पिछले 3 सालों में किया गया, जिसमें एमईएस के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार किया और निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया. जबलपुर सीबीआई और एसीबी ने एमईएस के पूर्व और वर्तमान जीई समेत 17 आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन और जालसाजी की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है और मामले की जांच की जा रही है।
इन पर हुई एफआईआर :-
1- बीएम वर्मा, तत्कालीन जीई, एमईएस, रक्षा मंत्रालय
2- धीरज कुमार, वर्तमान जीई, एमईएस, रक्षा मंत्रालय
3- राजीव भारती तत्कालीन एजीई, एमईएस
4- के एन विश्वकर्मा, वर्तमान एजीई, एमईएस
5- रत्नेश त्रिपाठी, जेई, एमईएस
6- मुकेश तिवारी , जेई, एमईएस
7- मिंटू राज, एई, एमईएस
8- मनोज कुमार जेई, एमईएस
9- मेसर्स शिवालिक इंजीनियरिंग वर्क्स, सोनभद्र यूपी
10- मेसर्स मंगलम ट्रेडर्स, वाराणसी, यूपी
11- मेसर्स रस्तोगी बिल्डर्स, दिल्ली
12- मेसर्स स्काईलाईन एनकॉन, साउथ वेस्ट दिल्ली
13- मेसर्स डायमंड इलेक्ट्रिकल, दिल्ली
14- मेसर्स गौतम इलेक्ट्रिक वर्क्स दिल्ली
15- मेसर्स आर के ट्रांसफार्मर, जबलपुर
16- मेसर्स ए के बिल्डर्स, जबलपुर
17- मेसर्स जितेन्द्र सिंह, जबलपुर
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