रायपुर : समाज को नशे के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए छत्तीसगढ़ में व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समाज कल्याण विभाग को एक माह के भीतर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि नशामुक्ति जन-जागरूकता अभियान की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के लिए देश में नशामुक्ति के लिए काम कर रहे जाने-माने व्यक्तियों और संस्थाओं से विचार-विमर्श किया जाए। समाज कल्याण विभाग अभियान की विस्तृत कार्ययोजना एक माह में प्रस्तुत करे। उन्होंने कहा है कि इस अभियान में सरकार के प्रयासों के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक संस्थाओं का सक्रिय सहयोग प्राप्त किया जाए।
अभियान को जनता तक पहुंचाना जरूरी –
मुख्य सचिव को जारी निर्देश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि नशा एक ऐसी गंभीर सामाजिक बुराई है, जिससे व्यक्ति का कीमती जीवन गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाता है और वह अकाल मृत्यु का शिकार भी हो जाता है। नशा करने के लिए लोग गांजा, भांग, तंबाकू, शराब, गुटखा, धूम्रपान, चरस, अफीम, कोकीन और ब्राउन शुगर जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। इस पर छत्तीसगढ़ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है और छत्तीसगढ़ सरकार भी इसे रोकने का प्रयास कर रही है, लेकिन जब तक हम इस अभियान को जनता से जोड़कर जन-जन तक नहीं पहुंचाएंगे, तब तक यह अभियान सफल नहीं होगा।
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स्कूल-काॅलेजों में होंगी गोष्ठियां –
मुख्यमंत्री के निर्देश में कहा गया है कि समाज को नशे के दुष्प्रभाव से बचाने, युवा पीढ़ी को बर्बादी से बचाने और अपनी पूरी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में लगाने के लिए जरूरी है कि एक बड़ी जनता नशामुक्ति के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। उच्च माध्यमिक विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों में जागरूकता हेतु गोष्ठियों का आयोजन किया जाए। शासकीय प्रयासों के साथ ही एनजीओ, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संस्थाओं का सक्रिय सहयोग प्राप्त किया जाए।
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