गांधीनगरः मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार शाम गांधीनगर स्थित राज्य आपात संचालन केंद्र पहुंचकर राज्य के तटीय इलाकों पर मंडरा रहे चक्रवाती तूफान ‘विप्रजोय’ (biporjoy Cyclone) के संभावित खतरे के कारण उत्पन्न स्थिति की ताजा जानकारी ली। उन्होंने उच्च स्तरीय बैठक में तटीय इलाकों में बारिश, तूफानी हवाओं और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियों की जानकारी ली।
तैयार की गईं एंबुलेंस
जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए मुख्य सचिव राज कुमार ने कहा कि सुरक्षा उपायों के तहत अब तक कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, जामनगर, देवभूमि द्वारका, गिर सोमनाथ, मोरबी और राजकोट में 37,794 8 जिलों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इन आठ जिलों में 6229 अगरिया यानी नमक कामगारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों के संबंध में उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा आवश्यक दवाओं एवं अन्य सामग्री का स्टॉक कर लिया गया है। इन जिलों के लगभग 521 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और अस्पतालों को स्वास्थ्य रक्षक दवाओं, उपकरणों और जनरेटर से सुसज्जित किया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 157 (108) एम्बुलेंस सेवाओं सहित कुल 239 एम्बुलेंस भी उपलब्ध हैं।
खाद्य की सामग्री का पूरा इंतजाम
संभावित गंभीर स्थिति में कच्छ में स्वास्थ्य सुविधा को दुरुस्त रखने के लिए 4 सीडीएचओ, 15 चिकित्सा अधिकारी-संयुक्त पशुपालन को ड्यूटी पर लगाया गया है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक इन आठ जिलों में 14 और 15 जून को भारी बारिश की संभावना है। कच्छ जिले में इस चक्रवात के व्यापक प्रभाव की आशंका से 40 हजार से ज्यादा खाने के पैकेट, 2 हजार किलो कच्छ में जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए मिल्क पाउडर और 45 हजार टेट्रा पैक दूध तैयार किया गया है। इन जिलों में सड़क एवं आवास विभाग ने 115 टीमें गठित कर उनसे काम कराया है। सड़क एवं आवास विभाग 924 मशीनरी और वाहन के साथ तैयार है।
इतना ही नहीं, ऊर्जा विभाग ने 8 संभावित प्रभावित जिलों में 597 सहित कुल 889 टीमों को स्टैंडबाय पर रखा है और यह भी ध्यान रखा है कि इन 8 जिलों में 6950 फीडरों से बिजली आपूर्ति प्रभावित न हो। एनडीआरएफ की 15 और एसडीआरएफ की 12 टीमों को भी लोगों की सुरक्षा के लिए और जरूरत पड़ने पर राहत और बचाव के लिए कच्चे घरों, झुग्गियों या ऐसे निचले इलाकों में तैनात किया गया है जहां भारी बारिश या चक्रवात के कारण पानी भर जाता है। एहतियात के तौर पर इन आठ तटीय जिलों में कुल 4050 होर्डिंग हटाए गए हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि भारी बारिश या चक्रवात के कारण संचार व्यवस्था ठप होने की स्थिति में एहतियात के तौर पर सेटेलाइट फोन, एचएएम रेडियो आपरेटर, जी-स्वान नेटवर्क की सेवाओं को भी तैयार रखा गया है। मोबाइल सेवा संचालकों को भी एहतियात के तौर पर वैकल्पिक टावर चालू रखने को कहा गया है। इस बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के। कैलाशनाथन समेत कई अन्य वरिष्ठ सचिव मौजूद थे।
ये सारी तैयारियां हो चुकी हैं
सड़क एवं आवास विभाग की 115 टीमें, ऊर्जा विभाग की 597 टीमें संभावित आपदा के दौरान सड़क जाम हटाने, मरम्मत कार्य और बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए मुस्तैद हैं।
सड़क एवं आवास विभाग 167 जेसीबी, 230 डंपर समेत 924 मशीनरी व वाहनों के साथ तैयार, कच्छ में एसई को विशेष ड्यूटी
कच्छ में संभावित विकट स्थिति में स्वास्थ्य सुविधा को दुरुस्त रखने के लिए 4 सीडीएचओ, 15 चिकित्सा अधिकारी-संयुक्त पशुपालन ड्यूटी पर तैनात
कच्छ में जरूरतमंद लोगों को वितरित करने के लिए 40,000 से अधिक भोजन पैकेट, 2,000 किलो दूध पाउडर और 45,000 टेट्रा पैक दूध तैयार किए गए थे।
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आठ जिलों में कुल 37,794 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, 869 अगर यानी नमक के खेतों के 6229 श्रमिकों को भी अन्यत्र स्थानांतरित किया गया।
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