इस्लामाबादः पाकिस्तान में बैसाखी का उल्लास हिलोरें ले रहा है। पाकिस्तान के सिख तीर्थस्थलों का दर्शन करने व बैसाखी मनाने के लिए भारत से 2200 सिख तीर्थयात्री वहां पहुंचे हैं। पाकिस्तान सरकार ने उनके स्वागत व यात्रा मार्ग पर सभी सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एटॉक जिले के हसन अब्दाल स्थित गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है।
इस गुरुद्वारे में गुरु नानक देव के हाथ का निशान बना होने के कारण सिख साम्राज्य के जांबाज सेनापति हरी सिंह नलवा ने इस गुरुद्वारा को गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब नाम दिया था। वहां गुरुवार को बैसाखी मेला लगना है। इस बैसाखी उत्सव का हिस्सा बनने के लिए भारत से वाघा बॉर्डर होकर 2200 सिख तीर्थयात्री पाकिस्तान के लाहौर पहुंचे हैं। पाकिस्तान के इवैक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों ने उनका स्वागत किया। ईटीबीपी के सदस्यों के साथ पाकिस्तान के स्थानीय सिख समुदाय ने यात्रियों के स्वागत के लिए विशेष तैयारी की हुई हैं। उन्हें पुष्पहार पहनाकर गंतव्य के लिए भेजा जा रहा है।
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ईटीपीबी के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने बताया कि सभी सिख तीर्थ यात्रियों के स्वागत व यात्रा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि लाहौर पहुंचने के बाद सभी तीर्थयात्री रेलगाड़ियों और विशेष बसों से हसन अब्दाल के लिए प्रस्थान करेंगे, जहां गुरुवार को मुख्य उत्सव होना है। रेलवे स्टेशन पर विशेष बंदोबस्त किये गए हैं, ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो। विशेष बसें व अन्य वाहन भी इन यात्रियों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ये तीर्थयात्री 21 अप्रैल को पाकिस्तान से वापस भारत के लिए रवाना होंगे।
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