लखनऊः राजधानी लखनऊ स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में पिछले एक महीने से येलो फीवर का टीका नहीं लग रहा है। इस वजह से अफ्रीका व दक्षिणी अमेरिकी देशों की यात्रा पर जाने वाले हजारों लोगों की यात्राओं पर पानी फिर गया है। अफ्रीका व दक्षिणी अमेरिका के करीब 43 देशों की यात्रा से पहले येलो फीवर का टीका लगवाना अनिवार्य होता है। इसकी पुष्टि केजीएमयू की कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डा. मोनिका अग्रवाल ने की है। डा. मोनिका अग्रवाल ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि येलो फीवर का टीका काफी समय से खत्म है। जल्द आपूर्ति के लिए पत्र लिखा गया है लेकिन अभी तक टीका आया नहीं है। अगले 15 दिन के भीतर येलो फीवर का टीका आने की उम्मीद है।
केजीएमयू में सोमवार व गुरुवार को लगता है येलो फीवर का टीका
लखनऊ में केजीएमयू समेत देशभर में 44 सेंटर बनाये गये हैं। केजीएमयू में प्रत्येक सोमवार व गुरुवार को यह टीका लगाया जाता है। हर महीने करीब 400 लोगों को यह वैक्सीन लगाई जाती है। केजीएमयू में उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखण्ड, बिहार, झारखण्ड और नेपाल के लोग टीका लगवाने आते हैं।
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इन देशों की यात्रा पर जाने से पहले वैक्सीनेशन अनिवार्य
अफ्रीका, केन्या, इजिप्ट, अल्जीरिया, घाना, नाइजीरिया, इथोपिया, सुडान, लीबिया और युगांडा समेत कई अफ्रीकी देशों की यात्रा पर जाने से पहले येलो फीवर का टीका लगवाना जरूरी होता है। वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही इन देशों की यात्रा का वीजा मिलता है। येलो फीवर की समस्या कर्क व मकर रेखाओं के बीच स्थित देशों में पाई जाती है। इन देशों में येलो फीवर को संक्रामक रोग माना जाता है। इससे बचने के लिए सरकार ने इन देशों की यात्रा पर जाने वाले नागरिकों को यात्रा से पहले वैक्सीनेशन अनिवार्य कर दिया है। सेंटर पर वैक्सीन लगाने के बाद यात्री को प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।
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