Sardar Vallabhbhai Patel Death Anniversary: देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 74वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत कई नेताओं ने सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर शत-शत नमन। उनका व्यक्तित्व और कृतित्व देशवासियों को राष्ट्र की एकता, अखंडता और विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए प्रेरणा देता रहेगा।”
Sardar Vallabhbhai Patel को नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
अमित शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “भारत की एकता के प्रतीक, लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें स्मरण एवं नमन करता हूं। सरदार पटेल ने 550 से अधिक रियासतों को एकीकृत कर आधुनिक भारत के निर्माण की आधारशिला रखी। राष्ट्रीय एकता और अखंडता के प्रति उनके समर्पण ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की मजबूत नींव रखी। सरदार साहब का महान व्यक्तित्व और राष्ट्र निर्माण का संकल्प राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने वालों के लिए अनंत काल तक ध्रुव तारे की तरह मार्गदर्शक बना रहेगा।”
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वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “सरदार पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि। राष्ट्र के प्रति उनकी महान सेवा, उनके प्रशासनिक कौशल और राष्ट्र की एकता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।”
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में कहा, “आधुनिक भारत के निर्माता, किसान हितैषी, लौह पुरुष ‘भारत रत्न’ सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि! राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता को विराट रूप देने में उनका योगदान हमें ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण के लिए सदैव प्रेरित करता रहेगा।”
Sardar Vallabhbhai Patel: 15 दिसंबर 1950 को हुआ था निधन
बता दें कि आज देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 74वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। सरदार वल्लभभाई पटेल का 15 दिसंबर 1950 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में जन्मे सरदार वल्लभभाई पटेल अपने माता-पिता की 6 संतानों में चौथी संतान थे। उन्होंने 22 वर्ष की आयु में मैट्रिक की परीक्षा पास की। तब पटेल ने अपने खर्च पर पढ़ाई करने की योजना बनाई और इंग्लैंड जाकर बैरिस्टर बनने का सपना देखा और उसे पूरा किया।