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Valentine’s Day: आखिर 14 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है वैलेंटाइन डे, जानें इतिहास...

नई दिल्लीः 14 फरवरी यानी प्यार का दिन, प्यार के इजहार का दिन। हर धड़कते हुए दिल को अपने जज्बातों को शब्दों में बयां करने के लिए इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। दरअसल हम बात कर रहे हैं, प्यार के परवानों के दिन की, वेलेंटाइन-डे की…। प्यार भरा यह दिन खुशियों का प्रतीक माना जाता है और हर प्यार करने वाले शख्स के लिए खास अहमियत रखता है।

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वैलेंटाइंस डे का इतिहास

पिछले कुछ समय से 14 फरवरी वैलेंटाइंस डे के रूप में मनाया जाता है। इसके विपरीत बहुत कम लोग जानते हैं कि यह दिन हमारे देश की आजादी के लिए मातृभूमि के चरणों में बलिदान होने वालों का भी है। ऐसे क्रांतिकारी, जिनके लिए गांधीवादियों ने भी ऊपर तक फरियाद की थी। फिलहाल, वैलेंटाइंस डे के लौकिक रूप और उसके विरोध की कहानी, जिसे सभी जानते हैं। फिर भी, लोग यह जानने की कोशिश नहीं करते हैं कि प्रेमियों को कोई दिन चुनने की जरूरत क्यों पड़ी। तीसरी शताब्दी में रोम के एक शासक ने प्रेम करने वालों पर जुल्म ढाए।

वैलेंटाइन नाम के पादरी ने विरोध किया तो उन्हें जेल में डाल दिया गया। वे दुनिया में प्यार को बढ़ावा देने में मान्यता रखते थे। उनके लिए प्रेम में ही जीवन था। लेकिन इसी शहर के एक राजा क्लॉडियस को उनकी ये बात पसंद नहीं थीं। राजा को लगता था कि प्रेम और विवाह से पुरुषों की बुद्धि और शक्ति दोनों ही खत्म होती हैं। इसी वजह से उसके राज्य में सैनिक और अधिकारी शादी नहीं कर सकते थे। फिर 14 फरवरी, 270 को उन्हें फांसी दे दी गयी। इस तरह यह दिन प्रेम के लिए न्योछावर होने वाले संत वैलेंटाइन के नाम हो गया।

इतना ही नहीं कहा जाता है कि सेंट वेलेंटाइन ने अपनी मृत्यु के समय जेलर की नेत्रहीन बेटी जैकोबस को नेत्रदान किया व जेकोबस को एक पत्र लिखा, जिसमें अंत में उन्होंने लिखा था तुम्हारा वेलेंटाइन। यह दिन था 14 फरवरी, जिसे बाद में इस संत के नाम से मनाया जाने लगा और वेलेंटाइन-डे के बहाने पूरे विश्व में निःस्वार्थ प्रेम का संदेश फैलाया जाता है।

विभिन्न देशों में अलग-अलग तरस से मनाया जाता है वैलेंटाइन डे

14 फरवरी को मनाया जाने वाला यह दिन विभिन्न देशों में अलग-अलग तरह से और अलग-अलग विश्वास के साथ मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि वेलेंटाइन-डे मूल रूप से संत वेलेंटाइन के नाम पर रखा गया है। परंतु सैंट वेलेंटाइन के विषय में ऐतिहासिक तौर पर विभिन्न मत हैं और कुछ भी सटीक जानकारी नहीं है। 1969 में कैथोलिक चर्च ने कुल ग्यारह सेंट वेलेंटाइन के होने की पुष्टि की और 14 फरवरी को उनके सम्मान में पर्व मनाने की घोषणा की। इनमें सबसे महत्वपूर्ण वेलेंटाइन रोम के सेंट वेलेंटाइन माने जाते हैं।

जहां चीन में यह दिन नाइट्स ऑफ सेवेन्स प्यार में डूबे दिलों के लिए खास होता है, वहीं जापान व कोरिया में इस पर्व को वाइट डे के नाम से जाना जाता है। इतना ही नहीं, इन देशों में इस दिन से पूरे एक महीने तक लोग अपने प्यार का इजहार करते हैं और एक-दूसरे को तोहफे व फूल देकर अपनी भावनाओं का इजहार करते हैं।

भारत में कुछ वर्ग करते रहें हैं वैलेंटाइन डे का विरोध

हाल के वर्षों में सोशल मीडिया और परस्पर संपर्क के माध्यमों के विस्तार के चलते इस दिन की लोकप्रियता दुनियाभर में बढ़ गई है और इसे मनाने वालों की तादाद में भी भारी इजाफा हुआ है। हालांकि हमारे देश में वैलेंटाइन डे मनाने को लेकर कुछ वर्गों से विरोध के स्वर भी उठते रहते हैं, लेकिन इस सब से बेखबर प्रेमी जोड़े फूल, चाकलेट और तोहफे देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं और वेलेंटाइन डे सेलिब्रेट करते हैं।

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