लखनऊः प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के बेहतर इलाज की बदौलत रिकवरी की दर 97 प्रतिशत से अधिक हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर संतोष व्यक्त करते हुए कोरोना से बचाव व उपचार की व्यवस्थाओं को पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के सम्बन्ध में प्रत्येक स्तर पर पूर्ण सावधानी बरती जाए, इस सम्बन्ध में थोड़ी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है।
मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान प्रगति पर है। अभियान के आगामी चरण के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स का डाटा बेस तेजी से तैयार किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान की प्रत्येक कार्यवाही भारत सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देश एवं मानकों के अनुरूप की जाए। मुख्यमंत्री ने कोरोना के उपचार की प्रभावी व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी कोविड अस्पतालों में आवश्यक दवाओं, बैकअप सहित ऑक्सीजन तथा मेडिकल उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता की जाए। कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में टेस्टिंग के महत्वपूर्ण योगदान को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में टेस्टिंग कार्य पूरी क्षमता से किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग तथा सर्विलांस सिस्टम प्रभावी ढंग से संचालित रहें।
यह भी पढ़ें-दिलीप घोष ने बोला ममता बनर्जी पर हमला, कहा- लालू की तरह जाएंगी जेल
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में लोगों को निरन्तर जागरूक किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस कार्य में विभिन्न प्रचार माध्यमों के साथ-साथ पब्लिक एड्रेस सिस्टम का व्यापक स्तर पर उपयोग किया जाए। उन्होंने जनपदों में स्थापित इन्टीग्रेटेड कमाण्ड ऐण्ड कन्ट्रोल सेन्टर को पूरी सक्रियता से संचालित करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-संजीवनी एप का व्यापक प्रचार-प्रसार किया करते हुए अधिक से अधिक लोगों को इसके माध्यम से ऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। बैठक में यह अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक ई-कंसल्टलेशन प्रदान करने वाला राज्य बन गया है। प्रदेश में में ई-संजीवनी एप के माध्यम से अब तक 4,16,512 व्यक्तियों द्वारा ऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श प्राप्त किया गया है, जो कि देश में सर्वाधिक है।