लखनऊः 75वें गणतंत्र दिवस के लिए देश पूरी तरह तैयार है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता पुरस्कारों से सम्मानित होने वाले जाबांजों के नाम का एलान कर दिया गया है। जिनमें 1132 पुलिसवालों का नाम शामिल हैं। इस लिस्ट में 74 पुलिसकर्मी उत्तर प्रदेश के हैं, जिनको राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जाएगा। यूपी से इस बार दो आईपीएस अधिकारियों को गैलेंट्री अवॉर्ड (Gallantry Award) के नामित किया गया है। इनमें यूपी के दो जांबाज अधिकारी डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार और आईजी मंज़िल सैनी शामिल हैं। इन दोनों अफसरों को इस बार 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से सम्मानित करेंगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इसके नामों का एलान कर दिया गया है।
एक परिचय: डीजी प्रशांत कुमार
यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार साल 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उनकी छवि यूपी पुलिस में काफ़ी तेज़ तर्रार अधिकारी के तौर देखी जाती है। इसी के चलते वो सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद और चहेते पुलिस अधिकारियों की लिस्ट में सबसे ऊपर आते हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार बिहार के सीज़न ज़िले के मूल निवासी है। उनका चयन तमिलनाडु कैडर में हुआ था, लेकिन निजी कारणों से साल 1994 में उनका ट्रांसफ़र यूपी कैडर में कर दिया गया। जब सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ बने तो उन्हें प्रदेश में क़ानून व्यवस्था बनाए रखने की ज़िम्मेदारी मिली। उन्होंने उसे बख़ूबी निभाया है। यूपी में क्राइम कंट्रोल का श्रेय उनको ही दिया जाता है। अपराधियों के दिलों में खौफ का नाम है प्रशांत कुमार।
प्रशांत कुमार ने 12 से भी ज्यादा मेडल प्राप्त किए हैं। उनको बहादुर और उत्कर्ष कार्य के लिए 3 बार पुलिस मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। इनको वर्ष 2020 और 2021 में भी वीरता पुरस्कार से मिला था। उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस में माफियाओं पर लगाम लगाने की जो जिम्मेदारी इनको मिली थी उसे उन्होंने पूरा भी किया।
एक परिचय: आईपीएस मंजिल सैनी
आईपीएस मंजिल सैनी को सूबे में एक तेजजर्रार महिला पुलिस के रूप में जाना जाता है। यह गलत नहीं होगा कि इन्हें लोग लेडी सिंघम के नाम से भी जानते हैं। मंजिल सैनी वर्ष 2005 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। वह लखनऊ और रामपुर में बतौर एसएसपी की जिम्मेदारी का निर्वाहन कर चुकी हैं। जहां उनके कार्य शैली को बहुत सराहना मिली। लखनऊ के एसएसपी का पद संभालने वाली मंजिल सैनी पहली अधिकारी है। इस दौरान उन्होंने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की। इसके अलावा उन्हें इटावा की जिम्मेदारी भी मिली थी जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। अमित कुमार किडनी रैकेट मामले की जाँच में उनकी अहम भूमिका रही है।
शौर्य और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है Gallantry Award
इस सम्मान का एलान साल में दो बार किया जाता है। पहला बार गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी पर और दूसरी बार स्वतंत्रता दिवस पर यानी 15 अगस्त के अवसर पर यह सम्मान शौर्य और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है। इस सम्मान के लिए पहले जवानों और अधिकारियों का चयन होता है। उनके नामों की लिस्ट गृह मंत्रालय भेजी जाती है। इसके बाद चयनित लिस्ट राष्ट्रपति को के पास जाती है, और उनकी अनुमति मिलते ही इन नामों का एलान कर दिया जाता है।
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इनको मिलेगा सराहनीय सेवा पदक
गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक डीजी प्रशांत कुमार और आईजी मंजिल सैनी के अलावा अखिलेश कुमार, दीपक कुमार, उपेन्द्र कुमार अग्रवाल, रश्मि रानी, त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी, राम मोहन सिंह, सियासुखराम भारती, अरविंद कुमार पांडे, पुत्तुराम, सतीश चन्द्र, अजीत कुमार गुप्ता, प्रदीप कुमार गुप्ता, राजकुमार पचौरी, राम औतार, कृष्णा नंद यादव, इंद्रपाल, मोहन गोपाल उपाध्याय, संतोष कुमार यादव, अनिल कुमार पांडे, कुलजीत सिंह, प्रेम नारायण शर्मा, ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव, अवधेश कुमार पांडे, मोहम्मद अली, अजय सिंह चौहान, सतेन्द्र सिंह, विनोद कुमार जायसवाल और जय सिंह यादव आदि पुलिस अफसरों को सराहनीय सेवा पदक दिया जाएगा।
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