उत्तर प्रदेश

कोरोना संक्रमण के नए स्ट्रेन पर असर नहीं करती स्टीम थेरेपी

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गाजियाबादः कोरोना संक्रमण के नए स्ट्रेन से अति सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन भाप (स्टीम) या गर्मी के प्रति उतना सवंदेनशील नहीं है, जितना पहले था। यह म्यूटेंड स्ट्रेन है और नाक या गले में ज्यादा देर नहीं रहता। सीधे फेफड़ों पर वार करता है, इसलिए घातक भी ज्यादा साबित हो रहा है। पिछली बार जहां छठे से नौवां दिन संवेदनशील बताया जाता था, वहीं इस बार यह तीसरे दिन ही फेफड़ों को जकड़ लेता है और निमोनिया बना देता है। इससे बचाव के लिए केवल डबल मॉस्क, हाथों की सफाई और सुरक्षित शारीरिक दूरी ही कारगर हो रही है। स्टीम थेरेपी से यद्यपि नाक बंद होने और रेस्पिरेटरी समस्याओं से निजात मिल सकती है लेकिन कोरोना वायरस पर इसके प्रभावी होने की बात बेमानी हो चली है।

यह बातें नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ डॉ.बीपी त्यागी ने कहीं। उन्होंने बताया कोरोना वायरस का पहला स्ट्रेन नाक के पिछले हिस्से में और गले में रुकता था और फेफड़ों तक पहुंचने में छह से सात दिन लगते थे। उस स्थिति में भाप लेना प्रभावी होता था, लेकिन अब म्यूटेंट होने के चलते वायरस नाक और गले की सारी नेचुरल बेरिकेडिंग तोड़ते हुए सीधे फेफड़े में पहुंच जाता है। स्टीम थेरेपी इस बार फायदे के बजाय नुकसानदायक साबित होती दिख रही है। उनके पास चेहरे, नाक और गले में लाली की शिकायत लेकर कई मरीज आ रहे हैं। यह ज्यादा भाप लेने का ही नतीजा है। कई लोगों के नाक और गले में छाले तक पड़ जा रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस पर स्टीम थेरेपी के कारगर होने का कोई पुष्ट प्रमाण भी नहीं है। यहां तक कि सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) या विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने स्टीम थेरेपी से कोरोना का उपचार होने की पुष्टि नहीं की है। बल्कि इस बात के लिए चेताया है कि कोरोना काल में जब चिकित्सालय में जाना खतरे भरा है, ऐसे में भाप लेने के चक्कर में यदि कोई क्षति हो जाती है तो लेने के देने पड़ जाएंगे। डॉ. बीपी त्यागी ने कहा कोरोना से बचाव के लिए मॉस्क, हाथों की सफाई और सुरक्षित शारीरिक दूरी जरूरी है। घर से बाहर निकलें तो डबल मॉस्क लगाकर ही निकलें। बाहर निकलने पर दूसरे लोगों से कम से कम दो गज की दूरी पर अवश्य रहें। ध्यान रहे यह दूरी सुरक्षित तभी है जब आप खुद और सामने वाला, दोनों मॉस्क लगाए हुए हों, अन्यथा नहीं। हैंड सैनेटाइजर साथ रखें और जब भी कोई वस्तु छुएं, अपने हाथों को सैनेटाइज कर लें और घर लौटकर सबसे पहले साबुन-पानी से कम से कम 40 सेकंड तक हाथ धुलें।