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सामूहिक विवाह से बढ़ती है सामाजिक समरसता

Brides of Muslim Community during mass marriage ceremony

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन एक महान परम्परा है, ऐसे आयोजन समाज को प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से समाज में गरीब और अमीर का भेद मिटता है तथा सामाजिक समरसता और प्रगाढ़ होती है।

गहलोत रविवार को नागौर जिले के चेनार गांव में श्री सैनिक क्षत्रिय माली संस्थान, तीनों गांव की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नवविवाहित 141 जोड़ों को आशीर्वाद दिया और माली समाज संस्थान को इस आयोजन के लिए बधाई दी।

उन्होंने कहा कि समाज में समानता आने से भावी पीढ़ी का भविष्य उज्ज्वल होगा। इस परम्परा का निर्वहन सभी समाज करें तो देश को नई दिशा मिलेगी। गहलोत ने कहा कि नागौर प्रेम, सद्भाव, सत्यवादिता और भक्ति की धरा है। मीराबाई और संत लिखमीदास महाराज ने समाज में नई चेतना लाने का जो काम किया, वो आज भी प्रासंगिक है।

मुख्यमंत्री ने सामूहिक विवाह समारोह स्थल पर आयोजित जनसभा के दौरान महात्मा ज्योतिबा फूले के नाम से नवनिर्मित छात्रावास का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। श्री सैनिक क्षत्रिय माली समाज के भामाशाहों के आर्थिक सहयोग से बनाए गए इस छात्रावास के निर्माण में तीन करोड़ रुपये की लागत आई है। इसमें 32 कमरे व आठ बड़े हॉल हैं। मुख्यमंत्री ने छात्रावास के निर्माण में योगदान देने वाले सभी भामाशाहों के प्रति साधुवाद प्रकट किया।

गहलोत ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फूले ने समाज के पिछड़े वर्ग में शैक्षिक क्रांति लाने का काम किया है। उन्होंने इसकी शुरूआत स्वयं अपने घर से की, अपनी पत्नी सावित्री बाई फूले को पढ़ाया और बाद में वो अध्यापिका भी बनीं। उन्होंने कहा कि महात्मा ज्योतिबा और सावित्री बाई फूले ने ना केवल महाराष्ट्र बल्कि समूचे भारतवर्ष में महिला शिक्षा के प्रति जागृति लाने का काम किया। आज इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। ज्योतिबा फूले और सावित्री बाई का समाज के शैक्षिक उत्थान में दिया गया योगदान अविस्मरणीय रहेगा।

मुख्यमंत्री ने महिलाओं के सामाजिक और शैक्षिक उत्थान में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं को राजनीतिक और सरकारी सेवा के क्षेत्र में आरक्षण का प्रावधान किया गया है, जिसका लाभ उन्हें मिल रहा है। वर्तमान दौर शिक्षा का है, शिक्षा नहीं तो कुछ नहीं। नॉलेज इज पॉवर। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में युवाओं को पढ़-लिखकर आगे आना चाहिए, तभी हमारा देश और प्रदेश तरक्की करेगा। उन्होंने कहा कि स्व. राजीव गांधी ने जिस शिक्षित और सशक्त भारत की परिकल्पना की थी, आज वह मूर्तरूप ले रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में गांव-ढाणी तक शैक्षिक उत्थान के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से काम कर रही है। शहरों से लेकर गांव तक सरकारी विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम में रूपांतरित किया गया है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ऐसे उच्च माध्यमिक विद्यालय, जिनमें छात्राओं की संख्या 500 से अधिक है, उन्हें आगामी वर्षों में कॉलेज में अपग्रेड करने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि नागौर-जोधपुर मुख्य सड़क मार्ग पर एजुकेशन हब विकसित हुआ है। आईआईटी, आईआईएम, आयुर्वेद विश्वविद्यालय, फैशन डिजाइन इंस्टीट्यूट जैसे बड़े शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान स्थापित हुए हैं।

गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में निःशुल्क उपचार का दायरा 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। सरकारी अस्पतालों में आईपीडी व ओपीडी सेवाओं को निशुल्क किया गया है। करीब नौ साल की कृषि विद्युत कनेक्शन की पेंडेंसी को आगामी दो साल में खत्म करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नागौर के विकास पर भी राज्य सरकार का पूरा ध्यान है। नागौर में मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि का आवंटन हो चुका है। इसके अतिरिक्त जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ढांचागत विकास, कृषि, पशुपालन सहित अन्य क्षेत्रों में विकास के काम तेजी से हो रहे हैं।

उद्योग मंत्री शकुन्तला रावत ने कहा कि श्री सैनिक क्षत्रिय माली संस्थान की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह समारोह सर्वसमाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों में नव वधु आ रही हैं, वे उन्हें अपनी बेटी के समान समझें और उन्हें सामाजिक और शैक्षिक उत्थान में प्रोत्साहन दें। जिला प्रभारी मंत्री एवं उच्च शिक्षा राज्यमंत्री राजेन्द्रसिंह यादव ने कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज को नई दिशा मिलती है।

पूर्व मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि यह सामूहिक विवाह समारोह नवचेतना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर वर्ग के कल्याण के लिए काम कर रही है। राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत ने भी संबोधन दिया। इससे पूर्व श्री सैनिक क्षत्रिय माली संस्थान, तीनों गांव के अध्यक्ष रामस्वरूप पंवार ने स्वागत भाषण दिया।