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दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पहली बार IVF तकनीक से बच्चे का जन्म

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नई दिल्लीः केंद्र सरकार के सफदरजंग अस्पताल में पहली बार शुक्रवार को आईवीएफ तकनीक से बच्चे का जन्म हुआ। शादी के बाद संतान सुख से वंचित दिल्ली की रहने वाली 36 वर्षीय महिला ने आईवीएफ तकनीक से स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) डॉ. बी एल शेरवाल ने शनिवार को कहा कि डिलीवरी शुक्रवार को आपातकालीन विभाग में लोअर सेगमेंट सिजेरियन सेक्शन (एलएससीएस) सर्जरी के जरिए हुई। यह पहली बार है कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित सफदरजंग अस्पताल में इस तरह की प्रक्रिया की गई है। मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

डॉ शेरवाल ने कहा, “ऐसा पहली बार हुआ है इसलिए इसे सफलतापूर्वक आयोजित करना हमारा फोकस था।” उन्होंने कहा कि इससे उन जोड़ों को मदद मिलेगी जो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं लेकिन माता-पिता बनना चाहते हैं। एमएस ने आज आईवीएफ टीम को सम्मानित किया। मौजूदा समय में आईवीएफ सुविधा एम्स और लोक नायक अस्पताल में मौजूद है।

सफदरजंग अस्पताल के मुताबिक आईवीएफ केन्द्र स्थापित करने की योजना साल 2015 में शुरू की गई थी। मौजूदा प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में आईवीएफ केंद्र स्थापित किया गया है। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स का सारा काम साल 2019 में पूरा कर लिया गया, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे शुरू नहीं किया जा सका।

इस केन्द्र की परिकल्पना का श्रेय विभाग के पूर्व प्रोफेसर डॉ. बनश्री दास और प्रोफेसर डॉ. प्रतिमा मित्तल को जाता है। इन प्रयासों को आईवीएफ यूनिट की वर्तमान प्रमुख प्रोफेसर डॉ. बिंदु बजाज ने आगे बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप सफदरजंग अस्पताल में स्त्री रोग विभाग में आईवीएफ केंद्र का सफल संचालन किया जा रहा है। इस आईवीएफ केन्द्र में एडिशनल एमएस अंजलि डबराल की टीम में डॉ. बीएल शेरवाल (एमएस, एसजेएच), डॉ. गीतिका खन्ना (प्रिंसिपल, वीएमएमसी), डॉ. जयंती मणि के साथ डॉ. गरिमा कपूर, डॉ. दिव्या पांडे, डॉ. रीता, राहुल शामिल हैं। इस केन्द्र में सोमवार से शनिवार तक डेडीकेटेड इनफर्टिलिटी ओपीडी प्रतिदिन चलाई जा रही है।

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