बिहार

बिहार विधानसभा में तीसरे दिन भी हुआ जोरदार हंगामा, राजद विधायक ने स्पीकर को दिखायी उंगली

पटनाः बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के तीसरे दिन भी सदन में जोरदार हंगामा हुआ। सोमवार को बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट को सदन में पेश किया। बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया। राष्ट्रीय जनता दल और वाम दलों के विधायक सदन के अंदर नारेबाजी करने लगे। विधानसभा में शांत और सरल स्वभाव के विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को भी गुस्सा आ गया। दरअसल राजद विधायक बीरेंद्र ने आसन की ओर उंगली दिखाई तो विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा भड़क गए। उन्होंने कहा कि सदन के सदस्य को आसन की ओर उंगली नहीं दिखानी चाहिए। इसके बाद राजद विधायक ने उंगली नीचे कर लिया। रामगढ़ विधानसभा सीट से राजद विधायक सुधाकर सिंह ने धान अधिप्राप्ति की तिथि 25 मार्च तक बढ़ाने की मांग सदन में की।

इसका जवाब देते हुए मंत्री अमरेंद्र प्रताप ने कहा कि 21 फरवरी तक 35.59 लाख मैट्रिक धान से अधिक धान खरीद हुई है, धान अधिप्राप्ति की तारीख अब नहीं बढ़ाई जाएगी। बिहार में अब तक सबसे ज्यादा धान की खरीद हुई है। किसानों के पास अब धान नहीं है, मिलर और बिचैलियों को फायदा पहुंचाने के लिए अब धान अधिप्राप्ति की तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार और धान नहीं खरीद सकती, इस वजह से सरकार धान खरीद की तारीख नहीं बढ़ा रही है। मधुबनी विधानसभा क्षेत्र से राजद विधायक समीर महासेठ के सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि प्रथम चरण में जिन अनुमंडल में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है, वहां कॉलेज खोले जाएंगे। 10 अनुमंडल में पहले ही डिग्री कॉलेज खोले गए हैं। छात्रों की संख्या बढ़ने पर आगे भी कॉलेज खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि कॉलेज खोलने में जमीन अधिग्रहण की समस्या आती है। लेकिन सरकार समाधान कर रही है। सरकार शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण सुधार कर रही है। बिहार के 80 हजार बच्चे निजी कोचिंग संस्थान में बाहर पढ़ने जाते हैं। यहां भी कई अच्छे संस्थान हैं। कोटा-हैदराबाद जाने वाले ही सिर्फ सफल हो रहे हैं, ऐसा नहीं है। पटना के बच्चे भी अलग-अलग क्षेत्रों में बढ़ियां कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने बच्चों को किताब उपलब्ध कराने और दूरदर्शन से पढ़ाई का मामला उठाया।

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इसका जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि कोरोना में बच्चों को पढ़ने के लिए किताब को वेबसाइट पर अपलोड कराया गया है। किताब के लिए सीधे बैंक स्थानांतरण (डीबीटी) के माध्यम से बच्चों के खाते में राशि दी गयी है। जिससे बच्चे खुद बाजार से किताब खरीदते हैं। विधानसभा मे इंडिया इनोवेशन सूचकांक 2020 के अनुसार बिहार के शैक्षणिक स्तर का स्कोर सबसे नीचे 35.24 होने का मामला भी विधानसभा में उठा। इसके जवाब में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि 8385 पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की गई है। शिक्षकों के लिए परीक्षा ली जा रही है, न्यायालय ने जो बहाली की प्रक्रिया रोकी है। उसके लिए भी अनुमति ली जा रही है। 2017-18 में 2000 माध्यमिक और 4000 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रयोगशाला की स्थापना कराई गई है। शिक्षा के क्षेत्र में लगातार काम हो रहा है। इसका परिणाम भी दिखने लगा है। अब बच्चे प्रथम आ रहे हैं, सेकेंड आने वाले छात्रों की संख्या घटी है। तीन नए विवि पाटलिपुत्र, पूर्णिया और मुंगेर में खोले गए हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शिक्षा मंत्री के जवाब पर तंज कसते हुए कहा कि 15 साल में शिक्षा की गुणवत्ता खत्म कर दी गई है। स्कूल में शिक्षक नहीं है। सरकार इसके लिए क्या कर रही है। सरकार को बताना चाहिए कि कितने स्थाई शिक्षक हैं और कितने नियोजित शिक्षक हैं।