मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को लोन फ्रॉड मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की जमानत मंजूर कर दी है। कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि यह गिरफ़्तारी कानून के मुताबिक नहीं हुई थी। इससे चंदा कोचर और दीपक कोचर की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।
चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को सेंट्रल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (सीबीआई) ने लोन फ्रॉड मामले में 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट ने दोनों को न्यायिक कस्टडी में भेज दिया था। चंदा कोचर और उनके पति की ओर से वकील विक्रम चौधरी ने सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को न्यायाधीश रेवती मोहिते डेरे और न्यायाधीश पृथ्वी राज चव्हाण की खंडपीठ के समक्ष हुई थी और कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए चंदा कोचर और दीपक कोचर की जमानत मंजूर की और कहा कि सीबीआई की गिरफ्तारी कानून के अनुरूप नहीं है।
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चंदा कोचर और दीपक कोचर के वकील विक्रम चौधरी ने बताया कि इस मामले में सीबीआई ने 14 महीनों में 14 बार स्टेटमेंट रिकार्ड किया था। इसलिए इस मामले में गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी। कोर्ट ने कोचर दम्पति को इस मामले के गवाहों को प्रभावित न करने का भी निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने कहा कि चंदा कोचर और दीपक कोचर जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। इसी वजह से पति-पत्नी दोनों को गिरफ्तार किया गया था।
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