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जिनके सम्मान में खुद राष्ट्रपति भी मंच से उतरे, जानें कौन हैं पद्मश्री पाने वाले केवाई वेंकटेश

Padma-Shri-KY-Venkatesh

नई दिल्ली : राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में मंगलवार को आयोजित सम्मान समारोह में पद्म अवॉर्ड्स का वितरण किया गया। जिसमें 7 भारतीय खिलाड़ियों को पद्मश्री पुरस्कार से नावाज गया। इस दौरान कर्नाटक के केवाई वेंकटेश (पैरा स्पोर्टसमैन) ने देशवासियों का दिल जीत लिया, जिनकी चर्चा हर तरफ हो रही है। दरअसल हुआ यूं कि जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू जैसी कई दिग्गज हस्तियों की मौजूदगी में जब कर्नाटक के पैरा एथलीट केवाई वेंकटेश को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित करने के लिए बुलाया गया तो मंच की ओर बढ़ रहे छोटे कद के इस खिलाड़ी ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।

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राष्ट्रपति ने मंच से उतरकर किया सम्मानित

जब वेंकटेश मंच पर पहुंचे तो राष्ट्रपति ने देखा कि छोटी हाइट के चलते दोनों के बीच फासला ज्यादा है। जिनको सम्मानित करने के लिए खुद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए उन्हें स्टेज से नीचे उतकर पद्मश्री का बैज पहनाकर सम्मानित किया। इस दौरान हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
पैरा-एथलीट केवाई वेंकटेश का लिम्का बुक में नाम दर्ज

1994 में शुरू किया करियर

बता दें कि वाई वेंकटेश की लंबाई सिर्फ चार फुट है और उन्होंने 2005 में चौथे वर्ल्ड ड्वॉर्फ गेम्स में छह पदक जीतकर 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में अपना नाम दर्ज कराया था। इसके अलावा 2009 में 5वें ड्वार्फ ओलंपिक गेम्स में भारत का नेतृत्व किया, जहां भारत ने 17 पदक जीते थे। केवाई वेंकटेश ने अपना करियर 1994 में शुरू किया और बर्लिन, जर्मनी में पहली अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि वेंकटेश अब संन्यास ले चुके हैं। फिलहाल वह कर्नाटक पैरा बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव हैं।

एकोंड्रोप्लासिया बीमारी के थे शिकार

पद्मश्री पैरा एथलीट वेंकटेश एकोंड्रोप्लासिया नाम की शारीरिक विकास में बाधा लाने वाली एक बीमार है, जो एक हड्डी विकास विकार है, जो बौनापन लाता है। इसी बीमारी से ग्रसित होकर उनके शरीर की वृद्धि 4 फीट 2 इंच पर आकर रूक गई, लेकिन उन्होंने अपनी इस बीमारी को कमजोरी नहीं बनने दिया और जीवन को नया मोड़ देते हुए पैरा एथलीट खेलों में अपना लोहा मनवाया। जिसका नतीजा है कि आज उन्हें इतने बड़े पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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