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सीएम धामी ने गिनाई पीएम सूरज पोर्टल की खूबियां, बोले- रोजगार में होगा मददगार

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हरिद्वारः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पी.एम. प्रधानमंत्री सामाजिक उत्थान एवं रोजगार आधारित जन कल्याण पोर्टल सूरज पोर्टल (Suraj Portal) का वर्चुअल शुभारंभ किया। ऋषिकुल आयुर्वेदिक महाविद्यालय सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअली प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सफाई मित्रों (सीवर एवं सेप्टिक टैंक कर्मी) को पीपीई किट प्रदान की।

आर्थिक सशक्तिकरण में सहायक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम-सुराज पोर्टल समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचने और उनके उत्थान में मदद करेगा। इस पोर्टल के माध्यम से हमारे राज्य के 490 लाभार्थियों से संवाद करने का यह प्रयास हम सभी के लिए बहुत गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि पीएम-सूरज पोर्टल का तात्पर्य प्रधानमंत्री के सामाजिक उत्थान एवं रोजगार आधारित जनकल्याण से है, इस पोर्टल के माध्यम से समाज का उत्थान एवं रोजगार आधारित जनकल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा एवं ऋण सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। सामाजिक रूप से वंचित वर्ग को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में सहायता प्रदान करेगा।

सभी के कल्याण का संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सभी के कल्याण के लिए योजनाएं बनाई गईं और वंचितों को प्राथमिकता दी गई क्योंकि अब भारत ने विकसित भारत का संकल्प ले लिया है और अब विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने गरीब, पिछड़े, आदिवासी, छोटे किसान आदि सभी वर्गों का ख्याल रखा है। पीएम सुराज पोर्टल की शुरुआत इन सभी वर्गों के उत्थान के लिए है, जो हमेशा हाशिए पर थे। उन्होंने कहा कि एससी, ओबीसी और सफाई कर्मचारियों को एक लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराने का काम किया जायेगा। प्रधानमंत्री ने अभी ये रकम सीधे डीबीटी के जरिए ट्रांसफर की है। इसके साथ ही नमस्ते आयुष्मान हेल्थ कार्ड, सेफ्टी टैंक, सीवर आदि की सफाई के दौरान सुरक्षा के लिए पीपीई किट भी उपलब्ध कराई गई है। यह भी पढ़ेंः-MP में हर बूथ पर 370 वोट बढ़ाने के लिए बीजेपी ने शुरू किया अभियान मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बाबा साहब के प्रेम, सम्मान और समानता के विचारों को आत्मसात किया है और उसी भावना से सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मूल मंत्र पर लगातार काम कर रहे हैं। हमें भी इस मंत्र को आत्मसात करना चाहिए और इस अवसर पर शोषित, वंचित, दलित और पिछड़ों के कल्याण के लिए संकल्प लेना चाहिए कि हम सभी उनके उत्थान और कल्याण के लिए कार्य करेंगे।