मुरैना: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को मुरैना में चुनावी सभा में बीजेपी और कांग्रेस को एक बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बसपा के नेतृत्व में चार बार सरकार बनी।
जब चौथी बार हमारी सरकार बनी तो कांग्रेस, बीजेपी और अन्य जातिवादी पार्टियों ने एकजुट होकर बीएसपी को कमजोर करने का रास्ता ढूंढ लिया। इन्होंने स्वार्थी और बिकाऊ किस्म के लोगों को तोड़ा। उन्हें आगे बढ़ाया और छोटे-छोटे संगठन बनाकर बसपा के मुकाबले में ला खड़ा किया।
मायावती ने जनता से की ये अपील
रविवार को शहर के मेला मैदान में आयोजित सभा में मायावती ने ग्वालियर, मुरैना और भिंड लोकसभा से बसपा प्रत्याशियों के लिए समर्थन मांगा। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में भी एक-दो ऐसे स्वार्थी और बिकाऊ लोग हैं, जिन्होंने कांग्रेस और भाजपा का मकसद पूरा किया। जब लगा कि बसपा कमजोर हो गई है तो कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा का दामन थामा। वे बात तो बाबा साहब की करते हैं लेकिन काम गांधी का करते हैं। उनसे सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा कि यह बीमारी उत्तर प्रदेश में भी है। जहां बसपा मजबूत है, वहां विपक्षी दल ऐसी साजिशें रच रहे हैं।
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गलत नीतियों के कारण केंद्र से बाहर है कांग्रेस- मायावती
मायावती ने कहा कि आजादी के बाद केंद्र और देश के ज्यादातर राज्यों की सत्ता कांग्रेस के हाथों में केंद्रित हो गई है। दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के खिलाफ अपनी गलत नीति और कार्यप्रणाली के कारण कांग्रेस को केंद्र और कई राज्यों में सत्ता से बाहर होना पड़ा है। यही हाल उनकी सहयोगी पार्टी का भी था। इसी वजह से फिर से बसपा के गठन की जरूरत पड़ी। उन्होंने कहा कि बीजेपी और उसके सहयोगी केंद्र और ज्यादातर राज्यों में सत्ता में आ गए हैं।
आगे उन्होंने कहा, उनकी नीतियां जातिवादी, पूंजीवादी, संकीर्ण, सांप्रदायिक और दुर्भावनापूर्ण हैं। कथनी और करनी में अंतर है। अब ऐसा लगता है कि इस बार बीजेपी आसानी से केंद्र की सत्ता में वापस नहीं आने वाली है, बशर्ते चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों और मशीन से छेड़छाड़ न की जाए।