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इंडोर हॉस्पिटल में लगेगा ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट, मिल सकेगा बेहतर इलाज

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लखनऊः उत्तर रेलवे के आलमबाग स्थित इंडोर हॉस्पिटल में कोविड संक्रमित मरीजों की भर्ती में अब ऑक्सीजन रोड़ा नहीं बनेगी। यहां पर कोविड संक्रमित मरीजों के लिए बनाए गए 50 बेड पर मरीज भर्ती भी हो सकेंगे और उन्हें इलाज भी मिल सकेगा। उत्तर रेलवे इंडोर अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने के लिए ऑक्सीजन प्लांट लगवाएगा। यहां पर 60 लाख की लागत से ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा, जिसके बाद मरीजों को बेहतर इलाज भी मिल सकेगा।

दरअसल, उत्तर रेलवे ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए इंडोर अस्पताल को कोविड हॉस्पिटल बनाया है, लेकिन राजधानी के अन्य अस्पतालों की तरह यहां पर भी ऑक्सीजन की किल्लत के चलते कोविड संक्रमित मरीज भर्ती नहीं हो पा रहे हैं। वहीं ऑक्सीजन के लिए वाराणसी और दिल्ली पर निर्भर रहना पड़ रहा है। ऐसे में ऑक्सीजन सप्लाई मे देरी पर मरीजों की जान पर बन जाती है। ऐसे में मरीजों की सांसें थमने न पाएं, इसके लिए उत्तर रेलवे ने 60 लाख रूपए की लागत से ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला लिया है। इसके लिए निविदा के जरिए कंपनी का चयन भी कर लिया गया है। इसका काम भी जल्द शुरू हो जाएगा। ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लग जाने के बाद कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी दूर हो सकेगी।

उत्पादन क्षमता होगी 1,000 लीटर

बीते दिनों उत्तर रेलवे के इंडोर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की किल्लत के चलते कोविड संक्रमित मरीजों को भर्ती न किए जाने का मामला सामना आया था। इंडोर अस्पताल में रोजाना मरीजों के इलाज के लिए करीब 45 ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती है, लेकिन अस्पताल को ऑक्सीजन की इतनी भी सप्लाई नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते रेलवे को वाराणसी तो कभी दिल्ली से मदद लेनी पड़ती है। जिसके बाद रेलवे ने ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाने का निर्णय लिया है। उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी ने बताया कि ऑक्सीजन जनरेटर लगवाने के लिए कंपनी को ठेका भी दे दिया गया है। 60 लाख की लागत से लगने वाले प्लांट से रोजाना करीब 1,000 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकेगा। इससे अस्पताल के 50 बेड पर हर समय ऑक्सीजन उपलब्ध रहेगी।

मरीजों को मिलेगी वेंटिलेटर की सुविधा

आलमबाग स्थित इंडोर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लग जाने के बाद मरीजों को वेंटिलेटर की भी सुविधा मिलेगी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि वेंटिलेटर खरीदने में दिक्कत नहीं है, लेकिन वेंटिलेटर संचालन के लिए प्रशिक्षित स्टॉफ होना चाहिए। जिसकी कमी पूरी होते ही वेंटिलेटर भी खरीद लिए जाएंगे। इस काम को भी जल्द से जल्द पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

कैंट विधायक निधि से मिले 25 लाख

उल्लेखनीय है कि कैंट विधानसभा सीट से भाजपा विधायक सुरेश चंद तिवारी ने आलमबाग स्थित इंडोर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने के लिए विधायक निधि से 25 लाख रुपए रेलवे को दिए हैं। इस धनराशि से 75 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद की जाएगी। इसके पूर्व कैंट विधायक सुरेश चंद तिवारी ने लखनऊ छावनी परिषद के कोविड अस्पताल को भी विधायक निधि से 25 लाख रुपए दे चुके हैं।

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ऑक्सीजन प्लांट के लिए जीएम खर्च कर सकेंगे 2 करोड़

रेलवे अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने की कवायद रेलवे बोर्ड ने भी शुरू कर दी है। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए महाप्रबंधकों को 2 करोड़ तक के ऑक्सीजन प्लांट लगवाने की वित्तीय मंजूरी दे दी है। अब तक जीएम को इस मद में 50 लाख रुपए ही खर्च करने की ही अनुमति थी। दरअसल, उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे के अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट न होने से कोविड संक्रमित मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे अस्पताल के डॉक्टरों को ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस समस्या का संज्ञान लेते हुए रेलवे बोर्ड ने अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगवाने के लिए बजट बढ़ा दिया है। अब जीएम खुद 2 करोड़ तक ऑक्सीजन प्लांट लगवाने की मंजूरी दे सकेंगे।