Nepal: नेपाल के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल दो प्रमुख दलों के बीच विश्वास का संकट गहराता जा रहा है। सत्ता का नेतृत्व कर रहे माओवादी एक बार फिर विपक्षी पार्टी के करीब आ रहे हैं, वहीं सरकार में शामिल सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस से माओवादियों की दूरी बढ़ती जा रही है।
खुद ही दिया गठबंधन टूटने का संकेत
इस बीच प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड ने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करते हुए खुद में बेचैनी बढ़ने की बात कही। कांग्रेस पार्टी ने वित्त मंत्री प्रकाश शरण महत और स्वास्थ्य मंत्री मोहन बस्नेत की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि सरकार के कुछ मंत्रियों की हालत देखकर वे काफी असहज महसूस कर रहे हैं। काठमांडू में बेचैनी महसूस कर रहे प्रचंड ने खुद भरतपुर पहुंचकर सत्तारूढ़ गठबंधन टुटने के संकेत दिए हैं।
प्रधानमंत्री प्रचंड ने भरतपुर हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन को ठीक से चलाने की पूरी कोशिश की। प्रयास अभी भी जारी हैं लेकिन जिस गति से परिस्थितियाँ बदल रही हैं वह मुझे कुछ कठोर निर्णय लेने के लिए मजबूर कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अब भी चाहते हैं कि सत्तारूढ़ गठबंधन जारी रहे और कांग्रेस पार्टी के साथ ही आगे बढ़े, लेकिन पिछली कुछ घटनाओं के कारण वह इस पर पुनर्विचार करने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वह पहले नेशनल असेंबली अध्यक्ष का पद कांग्रेस पार्टी को देने पर सहमत हुए थे। साथ ही कहा कि अब परिस्थितियां बदल गई हैं। नेशनल असेंबली चुनाव में कांग्रेस के धोखा देने, जनरल कमेटी की बैठक में माओवादियों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने और अगले चुनाव में गठबंधन न बनाने का फैसला करने के बाद इस गठबंधन पर पुनर्विचार करने का समय आ गया है।
तय होगी आगे की रणनीति
इस बीच खबर मिल रही है कि नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेरबहादुर देउवा ने प्रधानमंत्री प्रचंड को फोन कर उनसे मिलने का समय मांगा, लेकिन प्रचंड ने बात करने से भी इनकार कर दिया। प्रधानमंत्री सचिवालय से देउवा को वापस आकर काठमांडू में मिलने का संदेश दिया गया है। प्रचंड और विपक्षी नेता ओली के बीच भी नजदीकियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री प्रचंड उस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए भरतपुर पहुंचे हैं जिसमें ओली को भी आमंत्रित किया गया है। आयोजकों ने बताया कि देउवा को भी आमंत्रित किया गया है लेकिन उनकी ओर से भाग लेने के लिए अभी तक कोई संदेश नहीं मिला है।
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आज कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक में भरोसा जताया गया है कि पहले बनी सहमति के मुताबिक नेशनल असेंबली अध्यक्ष का पद उन्हीं की पार्टी को मिलेगा। पार्टी की बैठक के बाद महासचिव विश्व प्रकाश शर्मा ने कहा कि इस पर पहले ही सहमति बन चुकी है, इसलिए उन्हें भरोसा है कि प्रचंड अपनी सहमति से पीछे नहीं हटेंगे। माओवादियों के अध्यक्ष पद नहीं छोड़ने के फैसले पर कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उन्होंने पार्टी के फैसले को सामान्य माना है। प्रचंड से बातचीत के बाद ही आगे की रणनीति तय की जायेगी।
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