सीहोरः भाजपा नेत्री और मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती चंद्र ग्रहण के बाद मंगलवार की रात सलकनपुर स्थित प्रसिद्ध देवी मंदिर पहुंची थीं। वे रात में ही माता के दर्शन करना चाहती थीं, लेकिन मंदिर के पट बंद होने के कारण दर्शन नहीं कर पाईं। उन्होंने मंदिर ट्रस्ट के सामने मंदिर में रुक कर अगले दिन सुबह दर्शन करने की इच्छा जाहिर की, लेकिन मंदिर में रुकने की परंपरा नहीं है, जिसके चलते समिति ने उन्हें पहाड़ से नीचे रुकने का निवेदन किया। इस पर उमा भारती मंदिर के पास स्थित शिव मंदिर में रुकीं। उन्होंने रातभर पट खुलने का इंतजार किया और बुधवार सुबह मातारानी के दर्शन किए।
ये भी पढ़ें..अटल घाट-गंगा बैराज के बीच करोड़ों की लागत से बनेगा रिवर फ्रंट, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
सलकनपुर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय ने बताया कि मंगलवार को ग्रहण का सूतक होने के कारण मंदिर के पट बंद थे। वहीं नियमानुसार रात 8 बजे मंदिर के पट बंद हो जाते हैं। इसके बाद सभी लोग पहाड़ से नीचे आ जाते हैं। जब उमा भारती वहां पहुंचीं तो उन्होंने दर्शन की इच्छा जताई। इस पर उन्हें मंदिर के नियमों की जानकारी दी। जिस पर उन्होंने मंदिर प्रांगण में ही रुकने की मंशा जाहिर की। तब ट्रस्ट के लोगों ने उन्हें बताया कि मंदिर वाली पहाड़ी पर रात को कोई नहीं रुकता। तब उमा भारती ने पास के ही शिव मंदिर में रात रुकने का मन बनाया। वे रातभर वहीं रुकीं और सुबह मां विजयासन के दर्शन किये।
इधर उमा भारती के सलकनपुर मंदिर में रात रुकने को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैल गई कि वे पट बंद होने के कारण मातारानी के दर्शन नहीं कर पाईं, इसलिए उन्होंने शिव मंदिर परिसर में धरना दिया। इस दौरान रातभर सलकनपुर में पुलिस प्रशासन और मंदिर समिति के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। सुबह उन्होंने मां विजयासन के दर्शन किए। इस मामले को लेकर मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष महेश उपाध्याय ने बताया कि उमा भारती परंपराओं को मानती हैं और धार्मिक नियम-कायदों का पूर्ण पालन करती हैं। उन्होंने ट्रस्ट और मंदिर के सभी नियमों का श्रद्धा के साथ पालन किया। उनके धरना देने की खबर महज अफवाह है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)