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Maharashtra: चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा शरद पवार गुट

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महाराष्ट्र (Maharashtra): नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के स्वामित्व को लेकर छह महीने से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद आज चुनाव आयोग ने एनसीपी विवाद को सुलझा लिया और अजित पवार के पक्ष में अपना फैसला सुनाया। आयोग से अजित गुट को असली एनसीपी का दर्जा मिलने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है और कई राजनीतिक हस्तियों ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आयोग ने हमारे वकीलों की दलीलें सुनने के बाद हमारे पक्ष में फैसला दिया है। हम विनम्रतापूर्वक फैसले का स्वागत करते हैं। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने भी चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया और कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के लिए चुनाव चिन्ह जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग के फैसले से साबित होता है कि पार्टी के ज्यादातर कार्यकर्ता और निर्वाचित प्रतिनिधि अजित पवार के साथ हैं। ये भी पढ़ें..Jharkhand Assembly: हेमंत सोरेन के काम को आगे बढ़ाएंगे, बोले सीएम

यह नया आदेश नहीं है: सुप्रिया सुले

शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, "मुझे लगता है कि जो शिवसेना के साथ हुआ वही आज हमारे साथ हो रहा है, इसलिए यह कोई नया आदेश नहीं है, सिर्फ नाम बदले गए हैं, लेकिन सामग्री बदली गई है। यह वैसा ही है।'' उन्होंने कहा कि यह फैसला दबाव में लिया गया है। हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है: अनिल देशमुख

एनसीपी नेता अनिल देशमुख ने कहा, "आज चुनाव आयोग ने शरद पवार की पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह अजित पवार को दे दिया। इसी तरह का फैसला शिवसेना के मामले में भी लिया गया। शरद पवार ने एनसीपी की स्थापना की थी। वह वर्षों से पार्टी के अध्यक्ष बने रहे। चुनाव आयोग द्वारा दबाव में लिया गया फैसला लोकतंत्र की हत्या है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।" (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)