Vindhyavasini Dham: यूपी के मिर्जापुर में स्थित मां विंध्यवासिनी धाम में आस्था और भक्ति की अनूठी मिसाल देखने को मिली है। माता के एक भक्त ने मंदिर के गर्भगृह के निकास द्वार पर भव्य चांदी का दरवाजा (Silver door) लगवाया है। इस दरवाजे की लागत करीब 80 लाख रुपये है और इसका वजन 76 किलो 800 ग्राम है। इस दरवाजे को बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले के होटल व्यवसायी रविंद्र कुमार सिंह (Ravindra Kumar Singh ) ने विशेष कारीगरों से तैयार कराकर मां विंध्यवासिनी को भेंट किया है।
Vindhyavasini Dham: इससे पहले लगाई गई थी सोने की चौखट
इससे पहले एक भक्त ने मां के दरबार में लाखों रुपये की सोने की चौखट लगवाई थी और अब एक अन्य भक्त ने चांदी का दरवाजा लगवाकर मंदिर की भव्यता को और बढ़ा दिया है। इस दरवाजे का निर्माण विशेष कारीगरों ने कराया है, जिससे विंध्य धाम का धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है।
Ravindra Kumar Singh के तीर्थ पुरोहित सूर्य प्रसाद मिश्र ने बताया कि मां विंध्यवासिनी के दर्शन और पूजन में रविंद्र कुमार सिंह की हमेशा गहरी आस्था रही है। उन्हें मां के मंदिर के गर्भगृह के निकास द्वार पर एक भव्य चांदी का दरवाजा लगाने का विचार आया, जिससे मंदिर की भव्यता को और बढ़ाया जा सके। इसी विचार के साथ उन्होंने अपने कारीगरों से यह दरवाजा तैयार कराया और मां विंध्यवासिनी को भेंट किया।
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Vindhyavasini Dham में लगा 76.8 किलो का चांदी का दरवाजा
वहीं, श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बताया कि रविंद्र कुमार सिंह पिछले 40 वर्षों से हर महीने मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने आते हैं। इस बार उन्होंने गर्भगृह के निकास द्वार पर 76 किलो 800 ग्राम चांदी से बना भव्य दरवाजा लगवाया। पंकज द्विवेदी ने यह भी कहा कि मां विंध्यवासिनी उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें।
Vindhyavasini Dham: पर्यटकों की संख्या में लगातार हो रहा इजाफा
बता दें कि प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर के निर्माण के बाद इस क्षेत्र में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस कॉरिडोर के जरिए मंदिर के बाहरी हिस्से की खूबसूरती बढ़ी है और अब गर्भगृह और अंदर के अन्य हिस्सों की भव्यता को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। श्रद्धालुओं द्वारा सोने-चांदी से निर्मित चौखट और दरवाजे लगवाना इसी प्रयास का हिस्सा है, ताकि मंदिर का दिव्य और भव्य स्वरूप अधिकाधिक आगंतुकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित कर सके।