Chhattisgarh, रायगढ़ः घरघोड़ा क्षेत्र में धान खरीदी को लेकर स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के खिलाफ किसानों का गुस्सा चरम पर है। पिछले छह दिनों से धान खरीदी ठप होने से परेशान किसानों ने गुरुवार को नवापारा के मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। बड़े गुमड़ा, छोटे गुमड़ा, नवागढ़, नवापारा, टेंडा, भेंगारी, बिलासखार, कटंगडीह सहित आसपास के गांवों से सैकड़ों किसान जुटे और अपना गुस्सा जाहिर किया। किसानों का आरोप है कि इस्तीफा आवेदन देने के बावजूद एसडीएम ने कोई ठोस व्यवस्था नहीं की।
धान खरीदी उत्सव और प्रशासनिक ड्रामा?
धान खरीदी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के दावे फेल साबित हो रहे हैं। स्थानीय प्रशासन की लापरवाही ने किसानों को इस कड़ाके की ठंड में सड़क पर बैठने को मजबूर कर दिया है। किसानों का कहना है कि जमीनी स्तर पर व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। धान खरीदी उत्सव अब किसानों के लिए धोखा बन गया है।
Chhattisgarh: किसानों की मांग पर सरकार चुप
किसानों ने साफ कर दिया कि जब तक उनकी फसल की खरीदी शुरू नहीं हो जाती, वे सड़क से नहीं हटेंगे। प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के किसान बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं, क्या स्थानीय प्रशासन किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेगा या यह आंदोलन सरकार की वादाखिलाफी की एक और कहानी बनकर रह जाएगा?
तहसीलदार के लिखित आश्वासन के बाद किसानों का चक्का जाम
बताना जरूरी है कि घरघोड़ा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत नवापारा में धान खरीदी नहीं होने के कारण 10 से अधिक गांवों के सैकड़ों किसानों ने सुबह 11 बजे से घरघोड़ा खरसिया मुख्य मार्ग पर नवापारा के बाजार के सामने चक्का जाम कर दिया था, जिसे तहसीलदार मनोज कुमार गुप्ता की समझाइश और लिखित आश्वासन के बाद स्थगित कर दिया गया। फड़ के ताले खोले गए और आज 16 किसानों के टोकन काटकर किसानों के धान से भरे ट्रैक्टरों को फड़ के अंदर लाया गया।
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उल्लेखनीय है कि धान खरीदी का कार्य सुचारू रूप से चालू रखने के लिए नए फड़ प्रबंधक हसित प्रसाद गुप्ता को बैग प्रभारी और राजेंद्र गुप्ता को धान खरीदी होने तक अन्य कार्यों के लिए नियुक्त किया गया है।
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