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Indian Railway: बुजुर्गों को लेकर बेरहम हुआ रेलवे! टिकट में छूट देने से किया साफ इनकार

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नई दिल्लीः भारतीय रेल (Indian Railway) से सफर करने वाले वरिष्ठ नागरिकों और खिलाड़ियों के लिए बुरी खबर है। रेलवे ने इन्हें किराए में छूट देने से इनकार कर दिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि अधिकांश कैटेगरी में किराए पहले से ही काफी कम हैं और अलग-अलग कैटगरी में रियायती टिकट दिए जाने के रेलवे को चलते भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। ऐसे में अब इन लोगों को रियायतें नहीं मिलेंगी। रेल मंत्री ने कहा कि बुजुर्गों को मिलने वाली रियायत से रेलवे को वर्ष 2019-20 में अतिरिक्त 1667 करोड़ रुपये का खर्च उठाना पड़ा। इसी तरह बुजुर्गों को मिलने वाली रियायत से 2018-19 में 1636 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा था।

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रेलवे ने रियायती टिकट बहाल करने से किया इंनकार

बता दें कि लोकसभा में रेल मंत्री से ये सवाल किया गया था कि सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए फिर से रियायती रेल सफर की शुरुआत कब से करेगी। इस सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते दो सालों से पैसेंजर सर्विस से होने ने रेलवे पहले ही घाटे में चल रहा है। रेल मंत्री ने कहा कि रेल कंसेशन बहाल करने से रेलवे के वित्तीय सेहत पर और भी बुरा असर पड़ेगा इसलिए वरिष्ठ नागरिकों समेत सभी कैटगरी के लोगों के लिए रियायती रेल टिकट सेवा बहाल किया जाना संभव नहीं है।

पहले मिलती थी 50 फीसदी छूट

दरअसल कोरोना से पहले 60 साल से अधिक उम्र के लोगों यानी वरिष्ठ नागरिकों को रेल टिकट पर 50% की छूट रही थी। लेकिन कोरोना काल में जब रेल सेवा बंद की गई तो इस छूट को खत्म कर दिया गया। हालांकि, जब दोबारा रेल सेवाएं शुरू की गईं तो इस छूट को बहाल नहीं किया गया। यही नहीं सरकार का आगे भी सीनियर सिटीजंस को किराए में मिलने वाली छूट देने का कोई इरादा नहीं है। ऐसे में अब वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेल सफर महंगा पड़ेगा।

2019-20 में रेलवे को 1667 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान

बता दें कि रेलवे (Indian Railway) अभी चार तरह के विकलांग कैटगरी और 11 तरह के मरीजों और छात्रों को रियायती टिकट उपलब्ध कराती है। रेल मंत्री ने जानकारी दी कि वरिष्ठ नागरिकों को रेल टिकट पर छूट देने के चलते 2017-18 में रेलवे को 1491 करोड़ रुपये, 2018-19 में 1636 करोड़ रुपये और 2019-20 में 1667 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं, 2019-20 में जहां 6.18 करोड़ सीनियर सिटीजन ने रेल यात्रा की थी तो 2020-21 में 1.90 करोड़ और 2021-22 में 5.55 करोड़ बुजुर्गों ने रेल सफर किया है। उन्होंने बताया कि 2019-20 में 22.6 लाख सीनियर सिटीजन ने रियायती टिकट की सुविधा छोड़ी थी।

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