धमतरी: राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के एक बच्ची का चयन हुआ है। 26 जनवरी को दिये जाने वाले वीरता पुरस्कार के लिए जानवी का नाम छत्तीसगढ़ बाल कल्याण परिषद बाल कल्याण परिषद से दिल्ली भेजा गया है। बता दें कि इससे पहले भी धमतरी के तीन बच्चों को वीरता पुरस्कार मिल चुका है।
वहीं, दो बच्चे राज्य वीरता पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए धमतरी की जानवी राजपूत का नाम छत्तीसगढ़ बाल कल्याण परिषद ने दिल्ली भेजा है।
जान पर खेलकर भाई को बचाया –
बता दें कि कुरूद ब्लाॅक के शास्त्रीय नगर वार्ड 9 की जानवी ने बहादुरी की मिसाल कायम की है। भारतभूषण राजपूत की महज 13 साल की जानवी ने अपने पांच साल के भाई की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की। जानवी का भाई शिवांग राजपूत अपने छत पर खेल रहा था। इस दौरान वह छत के ऊपर से गुजरे तार से छू गया। शिवांग के चिल्लाने पर जानवी दौड़कर आई और तुरंत पास में रखे बांस के डंडे से तार पर मारा, जिससे झटके से उसका भाई छत पर गिर गया और पैर फिसलने से वह छत से नीचे गिरने लगा। यह देखकर जानवी ने बिना देर किये शिवांग का पैर पकड़कर उसे ऊपर खींच लिया। शिवांग के परिवारीजन उसे सिविल अस्पताल लेकर दौड़े, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गई।
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जिले की नीलम हो चुकी हैं सम्मानित –
धमतरी जिले की नीलम धु्रव 2016-2017 में राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। नीलम ने जान पर खेलकर अपनी सहेली को तालाब में डूबने से बचाया था, जबकि खुद नीलम को तैरना नहीं आता था। नीलम के बाद तीन और बच्चे राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार जीत चुके हैं। वर्ष 2018-2019 में ग्राम भुरसीडोंगरी के श्रीकांत गंजीर व 2019-2020 में ग्राम कानीडबरी की भामेश्वरी निर्मलकर वीरता पुरस्कार मिल चुका है।
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