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वीरों की भूमि से राजनाथ सिंह ने दुश्मनों को ललकारा, कहा-अपनी सीमा में रहें पड़ोसी देश

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देहरादूनः केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड को वीरों की भूमि बताते हुए दुश्मनों को ललकारा। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश अपनी सीमा में रहें। रक्षामंत्री ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी देश कुछ न कुछ नापाक हरकतें करते रहता है। हम दुश्मन का इस पार से ही नहीं, उस पार भी जाकर मुकाबला कर सकते हैं। दुश्मनों को जवाब देने के लिये वीर सैनिकों को पूरी छूट दी गई है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को गुनियाल गांव में लगभग 63 करोड़ रूपये की लागत से बने रहे भव्य सैन्य धाम का भूमि पूजन किया। सैन्य धाम के प्रांगण में बाबा जसवंत सिंह और बाबा हरभजन सिंह का मंदिर बनाया जाएगा। इन दोनों वीर सैनिकों को सेना में भी पूजा जाता है। सैन्य धाम में द्वितीय विश्व युद्ध से लेकर अब तक के उत्तराखंड के जो सैनिक शहीद हुए हैं, उन सबके चित्र सैन्य धाम में लगाए जाएंगे। सैन्य धाम में लाइट और साउंड सिस्टम, जहाज, टैंक जैसे सैन्य उपकरण भी रखे जाएंगे जो आने वाले पर्यटकों के लिए काफी प्रभावित करेंगे। इस अवसर पर शहीद सम्मान यात्रा का विधिवत समापन भी किया गया। सैन्यधाम के लिए प्रदेश के प्रत्येक शहीद परिवारों के आंगन से लाई गई पवित्र मिट्टी को कलश में डाला गया। साथ ही वीर शहीदों के परिजनों से मुलाकात कर तथा उन्हें शौर्य सम्मान पत्र प्रदान देकर सम्मानित भी किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि हमारी सांस्कृतिक परम्परा है कि जो देश के लिए अपनी जिंदगी न्यौछावर करते हैं, उनको देवतुल्य माना जाता है। उत्तराखंड, देवभूमि, तपोभूमि, वीरता और पराक्रम की भूमि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों के अनुरूप उत्तराखंड में पांचवां धाम सैन्यधाम बन रहा है। उत्तराखंड सरकार की अपेक्षा के अनुरूप सैन्य धाम बनाने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इस राज्य को अलग राज्य का दर्जा दिया था।

देश की आन-बान-शान की रक्षा करते हैं वीर सैनिक

रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे शहीद, देश की आन-बान-शान की रक्षा के लिए कभी पीछे नहीं हटे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय की एकता अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों के आंगन की मिट्टी यहां लाना गर्व के पल हैं। जो इस सैन्य धाम में आएगा, वह शहीदों की शौर्य गाथा उनकी प्रेरणा लेकर जाएगा। उन्होंने उत्तराखंड को वीरों की भूमि बताते हुए सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर शोक जताया। जनरल बिपिन रावत का इस तरह जाना भारत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।

हमारी सेना हर मोर्चे पर पूरी क्षमता के साथ खड़ी
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हुआ है। धारचूला- लिपुलेख-मानसरोवर जाने का रास्ता बन गया है। सांस्कृतिक दृष्टि से यह रास्ता बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच रोटी और बेटी का अटूट रिश्ता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के अनुसार भारत रक्षा से जुड़े क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है। आज हमारी सेना हर मोर्चे पर पूरी क्षमता के साथ खड़ी है। भारत विश्व के रूप में मजबूत और ताकतवर भारत के रूप में उभर रहा है।

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन की जानकारी मिलने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में उनके सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा गया।

जनरल रावत के सपने पूरे करेगी उत्तराखंड सरकार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनरल बिपिन रावत का स्मरण करते हुए कहा कि वे अपनी अंतिम सांस तक देश के लिये समर्पित थे। जनरल रावत के उत्तराखंड को लेकर कुछ सपने थे, जिन्हें राज्य सरकार पूरा करने के लिये तत्पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैन्य भूमि उत्तराखंड ने देश को एक से एक वीर सैनिक दिये हैं जो देश की आन, बान और शान के लिये जीवन समर्पित कर रहे हैं। वीर सैनिकों का सम्मान हमारे लिये सबसे बढ़कर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के कारण वे सैनिक परिवारों के दुख दर्द को भली भांति जानते हैं। हमारी सरकार सैनिकों को हर पल स्मरण में रखेगी।

रक्षा उपकरणों में आत्मनिर्भर बन रहा भारत
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावना के अनुरूप उत्तराखंड में भव्य सैन्य धाम बनाया जाएगा। उनके नेतृत्व में ही भारत रक्षा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर बना है। भारत पहले रक्षा उपकरणों का आयात करता था लेकिन आज भारत से रक्षा उपकरणों का निर्यात किया जाने लगा है।

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शहीदों के परिवार की देखभाल करेगी सरकार
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि हम किसी शहीद को वापस नहीं ला सकते, परंतु शहीदों का सम्मान और उनके परिवार की देखभाल करना हमारा परम दायित्व है। राज्य सरकार इस दायित्व को पूरी निष्ठा से निभा रही है। राज्य सरकार शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित कर रही है। सैन्य सम्मान राशि में कई गुना वृद्धि की है। प्रधानमंत्री ने सैनिकों की वन रैंक-वन पेंशन की बड़ी मांग को पूरा किया है।

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