मध्य प्रदेश

दिग्विजय सिंह ने CM मोहन यादव को लिखा पत्र, भर्ती परीक्षाओं में भ्रष्टाचार को लेकर कही ये बात

digvijay-singh
MP Jobs: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर कहा है कि विभिन्न विभागों में भर्ती के लिए आयोजित परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं, उनके पात्र परीक्षार्थियों की नियुक्ति की जाए।

भ्रष्टाचार की शीघ्र हो जांच

दरअसल, कई परीक्षाओं में भ्रष्टाचार के मामले सामने आ चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि जिन विभागों में भर्ती परीक्षा आयोजित की गई है और गंभीर भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के कारण परिणाम घोषित होने के बाद नियुक्तियां नहीं की गई हैं, उन विभागों में भ्रष्टाचार की शीघ्र जांच की जानी चाहिए। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जिन परीक्षाओं के परिणाम घोषित नहीं हुए हैं, उनके परिणाम शीघ्र घोषित कर उन्हें नियुक्तियां दी जाएं, ताकि युवाओं में व्याप्त आक्रोश और अवसाद पर काबू पाया जा सके।

कई परिक्षाओं के परिणाम घोषित नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि मध्य प्रदेश में विभिन्न सरकारी विभागों में समूह 1, 2, 4 और 5 के पदों के साथ-साथ पटवारी, वन रक्षक, शिक्षक वर्ग-1, पुलिस कांस्टेबल के कुल 37,790 पद हैं। लेकिन भर्ती के लिए परीक्षाएं मार्च 2023 से अगस्त 2023 तक आयोजित की गईं। उपरोक्त परीक्षाओं में से कुल 9,073 पदों के लिए ग्रुप- II और पटवारी परीक्षा के परिणामों के अलावा, किसी भी परीक्षा का परिणाम अभी तक घोषित नहीं किया गया है। यह भी पढ़ें-India Alliance Seat Sharing: सीट शेयरिंग को लेकर लालू यादव का बड़ा बयान, कह दी ये बात

परिमाण ने बावजूद नियुक्तियां नहीं

जिन 9,073 पदों के परिणाम घोषित हो चुके हैं, उनमें भी भ्रष्टाचार के गंभीर मामले उजागर होने के कारण अभी तक नियुक्तियां नहीं हो सकी हैं। उपरोक्त भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार द्वारा गठित जांच समिति को 30 अगस्त 2023 तक अपनी रिपोर्ट देनी थी, जिसने अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं दी है। इससे इस संदेह की पुष्टि होती है कि सरकार उन परीक्षाओं में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है जिनके परिणाम घोषित किए गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने बेरोजगारी का जिक्र करते हुए लिखा कि एक तरफ मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ती बेरोजगारी से युवाओं में बेचैनी है, वहीं दूसरी तरफ परीक्षाओं के नतीजे नहीं आने और भ्रष्टाचार के कारण नियुक्तियों पर रोक लगने से युवाओं में बेचैनी है। राज्य के बेरोजगार युवाओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हताशा और अवसाद का सामना करना पड़ रहा है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)