प्रदेश हरियाणा

कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ दिया अविश्वास प्रस्ताव, इस दिन होगी चर्चा और वोटिंग

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चंडीगढ़ः पिछले कई माह की घोषणाओं के बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दे दिया। जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया है। इस प्रस्ताव पर सदन में दस मार्च को चर्चा के बाद वोटिंग होगी।

हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सरकार के खिलाफ दिए गए अविश्वास प्रस्ताव का मुद्दा उठाया। हुड्डा सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही यह प्रस्ताव स्पीकर को दे चुके थे। विधानसभा संचालन नियमावली 65 के तहत सत्तारूढ़ सरकार के विरूद्ध दिए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर 18 विधायकों के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं। कालका से कांग्रेस विधायक की सदस्यता रद्द होने के बाद इस समय सदन में कांग्रेस के 30 विधायक हैं। इस प्रस्ताव पर कांग्रेस के कुल 30 में से 27 विधायकों ने हस्ताक्षर किए हैं।

कांग्रेस द्वारा दिए गए अविश्वास प्रस्ताव में कृषि कानूनों को रद्द करने, एपीएमसी एक्ट में संशोधन करके किसानों को एमएसपी की गारंटी प्रदान करने, प्रदेश में हुए शराब घोटाले, जहरीली शराब के कारण हुई आठ मौतों, प्रदेश में हुए रजिस्ट्री घोटाले को सरकार के खिलाफ अविश्वास का आधार बनाया है। इसके अलावा हुड्डा ने इस प्रस्ताव में भाजपा व जजपा के विधायकों पर कृषि कानूनों के मुद्दे पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि गठबंधन के बहुत से विधायक बाहर जाकर किसानों का समर्थन करते हैं और सदन के भीतर सरकार का समर्थन कर रहे हैं। इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।

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हुड्डा ने कुल दस मुद्दों के आधार पर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है। जिसे विधानसभा स्पीकर द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। अब इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्पीकर द्वारा तिथि घोषित की जाएगी।