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राजनीतिक चाल में फंसने लगे चिराग

Chirag Paswan.

 

नई दिल्लीः रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को खोखला करने के लिए बीजेपी ने तरकश से तीर चला दिए हैं। कल तक पासवान भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह के कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे, लेकिन उनके बेटे चिराग पासवान ने भाजपा के साथ कड़वाहट पैदा कर दी थी।

चिराग पासवान को एनडीए के बड़े सहयोगी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संग रार बड़ी महंगी पड़ गई। यह रार भाजपा को भी पसंद नहीं आई, इसलिए उसने चिराग से किनारा कर लिया था। अब तो चिराग के अपने भी मुंह फेरने लगे। लोजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और चार बार विधायक रह चुके सुनील पांडेय ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। दूसरी ओर स्वर्ण पदक विजेता बिहार की श्रेयसी ने भाजपा की ओर से नामांकन करते ही उनके खिलाफ भाषणबाजी भी शुरू कर दी है।

श्रेयसी सिंह ने पिछले दिनों जमुई सीट से नामांकन दाखिल किया। इसके पहले राजनीति में एंट्री लेने के बाद अपने पहले बयान में बिहार में खिलाड़ियों के लिए काम करने की बात कही है। श्रेयसी ने चिराग पासवान के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होने के सवाल पर कहा कि जो बिहार की बेहतरी चाहते हैं, उन्हें शुभकामनाएं। उन्होंने चिराग के बिहारी फस्र्ट वाले बयान पर यह बात कही थी। श्रेयसी के पिता दिग्विजय सिंह केंद्रीय मंत्री रहे थे। उनकी मां पुतुल सिंह भी सांसद रहीं। राजनीति में वह जरूर नई हैं, लेकिन उनका राजनीतिक फैमिली ग्राउंड मजबूत है। यदि चिराग की भाजपा के साथ अनबन यूं ही चलती रही तो भाजपा कई युवा नेताओं को उनके वोटर अपने साथ करने के लिए उतार देगी। बताया जाता है कि बिहार में लोजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और चार बार विधायक रह चुके सुनील पांडेय के इस्तीफे के पीछे का कारण मनचाही सीट न मिलना बताया जा रहा है।

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सुनील पांडेय तरारी से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन इस बार ये सीट बीजेपी के खाते में चली गई। इसके बाद से सुनील पांडेय इस इलाके से निर्दलीय चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहे थे और इसी के चलते उन्होंने पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। सुनील पांडेय के इस्तीफे के बाद बिहार में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। ऐसा माना जा रहा है कि इस्तीफा देने के बाद सुनील पांडेय तरारी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। भोजपुर की तरारी सीट पर फिलहाल भाकपा माले का कब्जा है और सुदामा प्रसाद यहां से विधायक हैं।

आरजेडी से बना रहे करीबी रिश्ता

लोजपा प्रमुख चिराग पासवान इस समय लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव से करीबी रिश्ता बनाने पर लगे हुए हैं। उनका मानना है जब दोनों मिल जाएंगे तो नीतीश को कमजोर कर सकते हैं, लेकिन उनके इस रवैये पर मुख्यमंत्री नीतीश ने चिराग से पूछ लिया कि बिना हमारे सहयोग के उनके पिता रामविलास पासवान राज्यसभा पहुंचे ?

इस चाल से किसका बिगड़ेगा खेल

नीतीश से दूरियों के चलते चिराग पासवान की पार्टी लोजपा इस बार अकेले चुनाव लड़ेगी। जनता दल (यूनाइटेड) के खिलाफ एलजेपी अपने उम्मीदवार उतारेगी, लेकिन जहां-जहां बीजेपी के प्रत्याशी होंगे वहां से एलजेपी अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। इससे यह सवाल उठ रहा है कि चिराग पासवान क्या इस बार प्रदेश में किंगमेकर की भूमिका में रहेंगे या सिर्फ खेल बिगाड़ेंगे।