Tuesday, November 26, 2024
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चंद्रबाबू नायडू को 22 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया, कौशल विकास घोटाले में CID ने किया था अरेस्ट

विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की एक अदालत ने रविवार को कौशल विकास निगम घोटाला मामले में टीडीपी सुप्रीमो और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को 22 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। लंबी बहस और दिन भर के तनाव के बाद एसीबी कोर्ट ने फैसला सुनाया। तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो, जिन्हें शनिवार सुबह सीआईडी ने गिरफ्तार किया था, को राजमुंदरी सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किए जाने की संभावना है।

अदालत का आदेश टीडीपी के लिए एक बड़ा झटका है, जिसके नेता अनुकूल फैसले की उम्मीद कर रहे थे। कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद नायडू के वकीलों ने जमानत याचिका दायर की। यह फिलहाल स्पष्ट नहीं था कि याचिका पर तुरंत सुनवाई होगी या नहीं। सुबह करीब छह बजे शुरू हुई बहस करीब छह घंटे तक जारी रही।जहां अभियोजन पक्ष ने नायडू की 15 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की, वहीं टीडीपी नेता के वकील ने इसका विरोध किया। दोपहर करीब तीन बजे दलीलों की सुनवाई पूरी हो गई। इसके बाद नायडू, उनके वकील, परिवार के सदस्य और टीडीपी नेता उत्सुकता से फैसले का इंतजार कर रहे थे। टीडीपी प्रमुख ने स्वयं न्यायाधीश के समक्ष दलीलें रखी थीं। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अवैध और राज्‍य में सत्‍तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया। नायडू ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून का कोई शासन नहीं है क्योंकि सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।

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पूर्व मुख्यमंत्री ने अदालत को यह भी बताया कि कौशल विकास परियोजनाओं के लिए धन 2015-16 के राज्य बजट में प्रदान किया गया था और तर्क दिया कि विधानसभा द्वारा पारित बजट को आपराधिक कृत्य नहीं कहा जा सकता। नायडू की ओर से पेश सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने दलील दी कि सीआईडी ने विपक्ष के नेता को गिरफ्तार करने से पहले राज्यपाल से अनुमति नहीं ली। सीआईडी की ओर से मामले की पैरवी करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता पी. सुधाकर रेड्डी ने अदालत को बताया कि नायडू के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत हैं।

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