रायपुर (CG): छत्तीसगढ़ में नई फसल की खुशी में छेरछेरा पर्व पर दान करने की परंपरा है। यह हमारे समाज की दानशीलता का उदाहरण है। छत्तीसगढ़ सरकार बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए समाज की इसी परंपरा का सहारा ले रही है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना में सामुदायिक भागीदारी को जोड़कर न्योता भोजन की अनूठी पहल की गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने जन्मदिन पर अपने गृह ग्राम बगिया के आश्रम शाला के बच्चों को आमंत्रित कर इस योजना की शुरुआत की है। छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों को अब नियमित भोजन के अलावा समाज के अग्रणी और सक्षम लोगों द्वारा आमंत्रित भोजन में भी पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन मिलेगा। 'निमंत्रण भोजन' तीन प्रकार का हो सकता है - पूर्ण भोजन (विद्यालय की सभी कक्षाओं के लिए), आंशिक रूप से पूर्ण भोजन (विद्यालय की किसी विशेष कक्षा के लिए), अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री।
स्कूल के भोजन का नहीं होगा विकल्प
दानदाताओं द्वारा प्रदान किया जाने वाला भोजन या सामग्री उस क्षेत्र की खान-पान की आदतों के अनुसार होनी चाहिए। संपूर्ण भोजन के मामले में बच्चों को नियमित भोजन की तरह दाल, सब्जी और चावल दिया जाना है। फल, दूध, मिठाई, बिस्कुट, हलवा, चिक्की, अंकुरित खाद्य पदार्थ जैसी सामग्रियों का उपयोग अतिरिक्त पोषण सामग्री के रूप में किया जा सकता है। पौष्टिक एवं स्वादिष्ट मौसमी फलों को भी पूरक पोषण सामग्री के रूप में चुना जा सकता है। यह स्कूल के भोजन का विकल्प नहीं होगा, बल्कि छात्रों को दिए जाने वाले भोजन का पूरक होगा।
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विशेष अवसरों पर उपलब्ध करा सकेंगे पौष्टिक भोजन
न्योता भोजन समुदाय के सक्षम लोग स्कूली बच्चों को विवाह वर्षगाँठ, जन्मदिन, राष्ट्रीय पर्व आदि विशेष अवसरों पर पौष्टिक खाद्य सामग्री भी उपलब्ध करा सकेंगे। यह पूर्णतः वैकल्पिक होगा। दानदाता स्कूली बच्चों को मौसमी फल, दूध, मिठाई, बिस्कुट, हलवा, अंकुरित खाद्य पदार्थ आदि वितरित कर सकते हैं। निमंत्रण भोजन के लिए दानदाता बच्चों की रुचि के अनुसार खाद्य सामग्री का चयन कर सकते हैं।
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