प्रदेश उत्तराखंड

बम भोले, बोल बम के जयकारों से गूंज रही धर्मनगरी, खिले व्यापारियों के चेहरे

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हरिद्वार: कोविड के चलते पूरे 2 साल से प्रतिबंधित कांवड़ यात्रा के पुनः चालू होने से धर्मनगरी में उत्सव जैसा माहौल दिखाई पड़ रहा है। एक ओर हरिद्वार में जहां बोले बम, बम बम के जयकारे गूंज रहे हैं वहीं स्थानीय व्यापारियों के चेहरे भी खिले दिख रहे हैं।

बीते दो वर्ष से कोरोना की पाबंदियां झेल रहे तीर्थ नगरी हरिद्वार के व्यापारियों में खुशी साफ देखी जा रही है। धर्मनगरी का व्यापारी प्रशासन से ये मांग कर रहा था कि कोरोना संक्रमण की दर कम होने पर इस बार महाशिवरात्रि पर कांवड़ यात्रा पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध ना लगाया जाए क्योंकि व्यापारी वर्ग पहले ही दो सालो से आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और हरिद्वार के व्यापारियों का केवल तीर्थ श्रद्धालुओं से ही गुजारा चलता है। अब ऐसे में कांवड़ियों की भीड़ भी धीरे धीरे जुट रही है। धर्मनगरी में हर ओर भोले के जयकारे सुनाई पड़ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि बीते दो वर्ष से कोरोना संक्रमण के चलते कांवड़ यात्रा पर प्रशासन द्वारा पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था। चूंकि अब कोरोना संक्रमण का ग्राफ अब काफी नीचे चला गया है, जिसके चलते इस बार महाशिवरात्रि पर कांवड़ यात्रा पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन-पुलिस भी अलर्ट मोड पर है। ट्रैफिक जाम की स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।

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फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों बिजनौर, नूरपुर, नगीना, नजीबाबाद, बरेली से शिवभक्त कांवड़ लेकर आते है, लेकिन इस जिस तरह से पिछले दो वर्ष से कावड़ यात्रा प्रतिबंधित थी उसके बाद सावन माह में हरियाणा से कांवड़ लेकर आने वाले शिवभक्त भी फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि पर हरिद्वार देखे जा रहे हैं।

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