Featured राजस्थान

राजस्थान में बीजेपी को लगा तगड़ा झटका, इस कद्दावर नेता की राहें हुई जुदा 

mallikarjun-kharge-rahul-kaswa
Rajasthan: मौसम में ठंड की विदाई हो चुकी है और गर्मी धीरे-धीरे दस्तक दे रही है, वहीं दूसरी तरफ चुनावी गर्मी का भी टेंपरेचर अब बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है। देश में चुनाव की डेट का ऐलान अभी तक हुआ नहीं लेकिन पार्टियों के नेताओं ने अपना फायदा देखते हुए दल-बदलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। राजनीतिक पार्टियों के नेता चुनावी हवा को देखते हुए और अपने फ्यूचर को सिक्योर करते हुए पार्टियां बदलते रहते हैं और ऐसी खबरे ज़्यादा तर चुनावी मौसम में देखने को मिलती रहती है। बता दें कि कुछ नेताओं का टिकट कटने की वजह से अपनी पार्टी से नाता तोड़ लेते हैं। अब ऐसा ही राजस्थान (Rajasthan) से बीजेपी के कद्दवार नेता राहुत कस्वां ने किया है, राहुल ने अपनी पार्टी को अलविदा कह दिया है और कांग्रेस के दामन को थाम लिया है। हालांकि,उन्हें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।

इस्तीफे के बाद क्या बोले राहुल कस्वां 

कांग्रेस में शामिल होने के बाद सांसद राहुल कस्वां ने कहा, 'मैं कांग्रेस पार्टी का धन्यवाद करता हूं। आज कांग्रेस पार्टी में शामिल होने पर मेरी जो जनभावनाएं मेरी लोकसभा सीट के प्रति थीं, जिसमें किसान के मुद्दे सहित अन्य मुद्दे रहे हैं। मेरे लोकसभा सीट के लोगों की आवाज को सुनते हुए मैं आगे वैसे ही काम करता रहूंगा।' राहुल कस्वां ने एक्स पर एक पोस्ट कर पीएम मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का आभार जताया है। उन्होंने कहा- 'राम-राम मेरे चूरू लोकसभा परिवार, मेरे परिवारजनों। आप सब की भावनाओं के अनुरूप मैं सार्वजनिक जीवन का एक बड़ा फैसला लेने जा रहा हूं। राजनीतिक कारणों के चलते आज इसी समय मैं बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता और संसद सदस्य पद से इस्तीफा दे रहा हूं।'

बीजेपी से क्यों नाराज़ हुए राहुल कस्वां 

दरअसल, राहुल कस्वां चूरू से लोकसभा सांसद हैं और वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से जीत हासिल की है। लेकिन इस बार बीजेपी ने राहुल कस्वां का टिकट काट दिया और चूरू से पैरा ओलंपियन देवेंद्र झाझड़िया को टिकट दे दिया। इसके बाद से राहुल कस्वां बीजेपी से नाराज चल रहे थे। बता दें कि ये सीट कस्वां परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है। लेकिन उसके बाद भी बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया है, जिसके बाद उनकी नारज़गी खुल के सामने आई है। ये भी पढ़ें: रांची एयरपोर्ट कंट्रोलर की हत्या के दोषी को 10 साल कैद की सजा अभी कुछ दिन पहले राहुल ने शक्ति प्रदर्शन कर के भी बीजेपी को एक मैसेज देने की कोशिश की थी, लेकिन इसको लेकर बीजेपी की तरफ से कुछ भी पॉज़टिव देखने को नहीं मिला है। जिसके बाद राहुल ने बीजेपी के कमल को छोड़ कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। रही बात उनकी हार-जीत की तो वो तो आने वाला वक्त बताएगा कि जनता उस सीट से किसे जीतवाकर दिल्ली भेजती है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)