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Bharatpur: चुनाव से पहले भड़की आरक्षण की आग, हाइवे पर आंदोलनकारियों का कब्जा, इंटरनेट सेवाएं बंद

bharatpur-reservation-protest भरतपुरः राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले भरतपुर (Bharatpur) जिले में आरक्षण की मांग तेज हो गई है। माली, कुशवाह, शाक्य और मौर्य समाज ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग करते हुए आज (शनिवार) सुबह अरौंदा गांव के पास आगरा-बीकानेर हाइवे जाम कर दिया है। यह लोग हाइवे पर बैठ गए हैं। जिला प्रशासन ने आंदोलन को देखते हुए जिले के वैर, नदबई, और भुसावर में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि दोपहर तक प्रशासन और आंदोलनकारियों में बातचीत होने की संभावना है। भरतपुर (Bharatpur) जिले में वैर और डेहरा मोड़ के बीच आंदोलनकारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैठे हैं। यहां बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। जिला प्रशासन ने देहरा मोड़, नदबई, हेलना होते हुए वैकल्पिक मार्ग खुलवाया है, ताकि लोगों को आवागमन में कोई परेशानी नहीं हो। इससे पहले शुक्रवार की दोपहर हलैना-वैर मार्ग पर ग्राम रामासपुर के समीप जाम लगाने पर आमादा लाठीचार्ज कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। ये भी पढ़ें..Up Nikay Chunav 2023: कभी यहां हाथ उठाकर चुन लिया जाता था चेयरमैन, जानें बलिया के इस नगर पंचायत का इतिहास

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर किया पथराव

इस पर लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। यह लोग भुसावर क्षेत्र के बल्लभगढ़ पहुंच गए। यहां एक पुलिस गाड़ी का घेराव कर शीशे तोड़ दिए। शुक्रवार शाम करीब सवा सात बजे गांव अरौंदा के पास पुलिस पर पथराव किया गया। आखिर में पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा। आंदोलन के केंद्र अरौंदा गांव के आसपास के क्षेत्र को माली, कुशवाह, शाक्य और मौर्य समाज का गढ़ माना जाता है। यहां इन जातियों के वर्चस्व वाले तीन विधानसभा क्षेत्र हैं। इसमें दौसा की महवा विधानसभा सीट के अलावा नदबई और भरतपुर की वैर है। इन लोगों ने 12 जून 2022 को भी नौ दिनों तक आंदोलन किया था। संभागीय आयुक्त सांवर मल वर्मा ने शुक्रवार की रात 12 बजे से शनिवार की रात 12 बजे तक 24 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा अस्थायी रूप से बंद करने के आदेश जारी किए हैं। नदबई, वैर और भुसावर में यह सेवा बंद हो गई है। आंदोलनकारी ट्रैक्टर-ट्राली लेकर पहुंचे हैं। महिलाएं भी हाथों में लाठी लेकर आंदोलन स्थल पर बैठी हैं। अरोडा, हंतरा और बेरी गांव से गुजरने वाले हाईवे पर जगह-जगह बेरिकेड्स के रूप में पत्थर और गट्ठर (फसल के बंडल) लगा दिए गए हैं।

सात साल से सैनी समाज आरक्षण के लिए कर रहा आंदोलन 

पुलिस भारी वाहनों को उच्चैन तिराहे से आगे नहीं जाने दे रही। आगरा से जयपुर और जयपुर से आगरा जाने वाले वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जयपुर जाने वाले वाहन भरतपुर में ही रोक दिए गए हैं। आंदोलन में छात्र नेता भी कूद गए हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र नेता किरोड़ी लाल सैनी ने कहा कि पांच-सात साल से सैनी समाज आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहा है। सरकार लॉलीपॉप थमाकर आंदोलन खत्म करा देती है। मंत्री और विधायकों के इशारे पर पुलिस ने आंदोलनकारियों पर बल प्रयोग किया है। सम्राट अशोक सेना की प्रदेश उपाध्यक्ष अंजली ने कहा कि नवकुश कल्याण बोर्ड का सरकार गठन करे।छात्र नेता विनोद भुट्टोलिया ने कहा कि इस बार आर-पार की लड़ाई होगी। हाइवे तो जाम रहेगा पर एंबुलेंस आदि को रास्ता दिया जाएगा। इस बीच आंदोलनकारियों ने फुले आरक्षण समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी को सरकार से रिहा करने की मांग की है। गौरतलब है कि मुरारीलाल सैनी के नेतृत्व में आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति ने मांगें नहीं माने जाने पर हाईवे बंद करने की चेतावनी दी थी. इस दौरान उन्हें कुछ लोगों के साथ हिरासत में ले लिया गया।
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