अलवरः राजस्थान के अलवर शहर में सुभाष चौक स्थित भगवान जगन्नाथ जी के मंदिर में जगन्नाथ के विवाह के मंगल कार्य गणेश पूजन के साथ शुरू हो गए। शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ को कंगन डोरे बांधे गए। मंदिर के महंत राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि सुबह 6 बजे मंगला आरती के बाद भगवान को उबटन लगाया गया, साथ में कंगन डोरे भी बांधे गए। इसके बाद 8 बजे 11 पंडितों के द्वारा मंत्रोउच्चारण द्वारा भगवान को स्नान कराया गया। स्नान केसर, केवड़ा, गंगाजल आदि से कराया गया। फिर भगवान को जयपुर से मंगाई पंचरंगी पोशाक पहनाई गई।
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गौरतलब है कि भगवान जगन्नाथ अलवर के आराध्य देव है। एक परम्परा के अनुसार हर साल जगन्नाथ जी का विवाह होता है। बाकायदा विवाह की सभी रस्में इस दौरान निभाई जाती है। इस अवसर मेला भरता है। जिसमे बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते है। भगवान जगन्नाथ मेले के कार्यक्रमानुसा सात जुलाई को सीता राम जी की सवारी शाम छह बजे पुराना कटला स्थित जगन्नाथ मंदिर से रूपवास के लिए रवाना होगी। आठ जुलाई को शाम 6 बजे जगन्नाथ जी की सवारी रूपबास के लिए रवाना होगी। नौ जुलाई को रूपबास में मेला भरेगा।
दस जुलाई को जानकी माता की सवारी रूपबास पहुंचेगी और रात को वरमाला महोत्सव होगा। ग्यारह जुलाई को भी मेला भरेगा। 12 जुलाई को जगन्नाथ व जानकी मैया की सवारी वापस रूपबास से पुराना कटला जगन्नाथ मंदिर के लिए रवाना होगी। मंदिर के महंत ने बताया कि भगवान जगन्नाथ को कंगन डोरे बांधे गए है। इस अवसर पर अविवाहित युवक-युवती को भी कंगन डोरे बांधे गए ताकि उनका विवाह भी जल्द हो जाए। प्रतिवर्ष कंगन डोरे बंधवाने के लिए दूर-दूर से युवक-युवती मंदिर में पहुंचते हैं और भगवान को श्रीफल भेंट कर कंगन डोरे बंधवाते हैं। श्रद्धालु मन्नत पूरी होने के लिए नारियल बांधकर जाते है।
दअरसल शहर में भगवान जगन्नाथ की बहुत मान्यता है। जिस कारण रूपबास मेले में जिले भर के अलावा देश भर से लोग वरमाला महोत्सव को देखने के लिए आते है। बाकायदा विवाह की सभी रस्में निभाई जाती है। इसके बाद जब भगवान जगन्नाथ मैया जानकी को लेकर मंदिर लौटेंगे तो भारी भीड़ रथयात्रा को देखने के लिए उमड़ती है। रूपबास से जगन्नाथ मंदिर तक के रथयात्रा के रूट पर प्याऊ, भण्डारा, विभिन्न प्रकार की दुकाने लगती हैं। मंदिर में महिला श्रद्धालुओं की ओर से वैवाहिक मंगल गीत गाए जा रहे है। इस दौरान महिला श्रद्धालु खुशी से नाचकर विवाह की रस्में पूरी कर रही है। बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु मंदिर में रोजाना सत्संग कीर्तन कर रही है।
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