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Election: संदेहास्पद लेन-देन, परिवहन, अवैध शराब और उपहार सहित इन पर रहेगी पैनी नजर

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ग्वालियरः धन के अवैध परिवहन, शराब के उत्पादन, भंडारण और वितरण, टोकन के बदले उपहार, राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रमों में उपहार वितरण सहित हर संदिग्ध लेनदेन और गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, जिससे स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव (election) सुनिश्चित होंगे। साथ ही सफलता प्राप्ति में बाधा उत्पन्न होने की संभावना न रहे। यह जानकारी सोमवार को क्रॉस फंक्शनल इंफोर्समेंट एजेंसियों की बैठक सह प्रशिक्षण में दी गयी।

पीपीटी के जरिए दिया प्रशिक्षण

अपर जिलाधिकारी अंजू अरुण कुमार व टीएन सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी अंकित पांडे व उप जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव जैन की उपस्थिति में हुई बैठक में आयकर व जीएसटी, नारकोटिक्स, एयरपोर्ट सुरक्षा, बैंक अधिकारी, उत्पाद शुल्क से जुड़े अधिकारी भी शामिल रहे। साथ ही पुलिस, वाणिज्य, वन एवं अन्य एजेंसियों के अधिकारी उपस्थित थे। राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स डॉ. एसबी ओझा ने सभी अधिकारियों को पीपीटी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया।

संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी

बैठक में क्रॉस फंक्शनल प्रक्रिया से जुड़े विभागों के अधिकारियों को लोकसभा चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से कराने में जिला निर्वाचन कार्यालय को सहयोग करने को कहा गया। इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। बैठक में बताया गया कि एटीएम एवं बैंकों में नकदी ले जाने वाले वाहनों के पास नकदी परिवहन से संबंधित पुख्ता दस्तावेज होने चाहिए, अन्यथा इसे अवैध नकदी परिवहन मानते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह भी कहा गया कि यदि एक ही खाते से कई लोगों को एक जैसा भुगतान किया गया है तो इसकी जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय को अवश्य दें। बैठक में बताया गया कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत जिले में चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए उड़नदस्ता, एसएसटी, एमसीएमसी एवं अन्य टीमों का गठन किया गया है जिससे लगातार चुनाव व्यय एवं अन्य संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन एवं जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा कार्रवाई की जायेगी। क्रॉस फंक्शनल इंफोर्समेंट एजेंसियों को एफएसटी, एसएसटी या प्रशासन व पुलिस से कॉल आने पर तत्काल मौके पर टीमें भेजने को कहा गया, ताकि चुनाव आयोग की मंशा के अनुरूप त्वरित कार्रवाई की जा सके। इसमें कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)