प्रदेश मध्य प्रदेश Featured क्राइम

पेटलावद ब्लास्ट व बालाघाट में बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

girl-Rape-case
बच्ची

भोपाल: पेटलावद विस्फोट और बालाघाट में दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपितों के बरी होने को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। दोनों ही मामलों की जांच में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक और संचालक लोक अभियोजन को पत्र लिखकर 15 दिन में जांच करके दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करके रिपोर्ट मांगी है।

पेटलावद ब्लास्ट में 79 लोगों की हुई थी मौत

झाबुआ जिले के पेटलावद में बस स्टेंड पर सेठिया रेस्टोरेंट के पास बने मकान में रखे विस्फोटक में विगत 12 सितंबर 2015 को ब्लास्ट हो गया था। इस हादसे में 79 लोगों की मौत हुई थी। सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल गठित किया था। साक्ष्य नहीं मिलने की वजह से सभी आरोपित बरी हो गए। इसके पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गंभीर प्रकरणों में आरोपितों के दोषमुक्त हो जाने को लेकर नाराजगी जता चुके थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए गुरुवार को गृह विभाग ने चुनिंदा दस मामलों की समीक्षा की। इस दौरान कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला लोक अभियोजन और विवेचना अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की।

इस दौरान यह पाया गया था कि पेटलावद विस्फोट मामले की विवेचना में लापरवाही बरती गई। जांच में यह साबित ही नहीं किया जा सका कि विस्फोटक की अवैध रूप से आपूर्ति की गई। विवेचना में अन्य कमियां भी सामने आई। इसी तरह बालाघाट के थाना कोतवाली क्षेत्र में दो छोटी बच्चियों के साथ पड़ोसी ने दुष्कर्म किया। विवेचना के दौरान जब्त सामग्री को बदल दी गई। कमजोर विवेचना की वजह से आरोपित बरी हो गया। इन दोनों प्रकरणों में प्रथम दृष्टया विवेचना और न्यायालय में अभियोजन पक्ष की कमी सामने आई है। इस आधार पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव ने पुलिस महानिदेशक और लोक अभियोजन संचालक को पत्र लिखकर जांच करने और दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई को करने को कहा है। साथ ही गृह विभाग द्वारा 15 दिन में कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट तलब की है।