लखनऊः नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमता नजर नहीं आ रहा है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर इस मुद्दे को लेकर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अब यह मान लिया है कि सत्ता सौंपने का समय आ गया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट पर एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण (एक-हाथ से दूसरे हाथ में जाने) का प्रतीक है। लगता है भाजपा ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है।’
सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण (एक-हाथ से दूसरे हाथ में जाने) का प्रतीक है… लगता है भाजपा ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है। pic.twitter.com/wLPeIYvljC
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 26, 2023
इससे पहले उन्होंने लिखा था कि भाजपाईयों द्वारा संसद के दिखावटी उद्धाटन से नहीं, बल्कि वहां पर लिखे श्लोकों की मूल भावना को समझकर, सभी को सुनने व समझने का बराबर अवसर देना ही सच्ची संसदीय परंपरा है। जहां सत्ता का अभिमान हो परंतु विपक्ष का मान नहीं, वो सच्ची संसद हो ही नहीं सकती, उसके उद्धाटन में क्या जाना। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने सेंगोल को राजतंत्र का प्रतीक बताते हुए कहा था कि भारत एक लोकतांत्रिक देश हैं, ऐसे में सेंगोल का देश की संसद में क्या काम।
ये भी पढ़ें..विपक्ष को एकजुट करने में जुटे केजरीवाल, राहुल-खड़गे से मांगा समय
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि सेंगोल राजदंड, राजतंत्र का प्रतीक था। देश में लोकतंत्र है, लोकतंत्र में राजतंत्र के प्रतीक सेंगोल का क्या काम? सेंगोल के प्रति भाजपा सरकार की दीवानगी इस बात का प्रमाण है कि इसको लोकतंत्र में विश्वास नहीं है, इसलिए भाजपा लोकतंत्र से हटकर राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है जो लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। उल्लेखनीय है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से न कराये जाने पर विपक्ष सवाल उठा रहे हैं। विपक्ष का यह कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों न कराना उनका अपमान है। इस मुद्दे पर एक के बाद एक सभी विपक्षी राजनीतिक दलों ने समारोह का बहिष्कार कर दिया है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)